देहरादूनः उत्तराखंड में राजकीय शिक्षक संघ का आंदोलन आखिरकार स्थगित हो गया है. शिक्षक संघ ने 31 दिसंबर तक आंदोलन को स्थगित करने का फैसला लिया है. खास बात ये है कि शिक्षक संघ ने शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी के आश्वासन के बाद इस आंदोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया है. जबकि इससे पहले विभिन्न अधिकारियों के स्तर पर आंदोलन को स्थगित करने की कोशिश की गई थी. लेकिन शिक्षक संघ इस पर तैयार नहीं हो रहा था.
महानिदेशक के आश्वासन पर शिक्षकों ने टाला आंदोलन, इन्वेस्टर्स समिट के बाद सीएम के साथ हो सकती है बैठक
Government Teachers Association postponed movement शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी के आश्वासन पर शिक्षकों ने 31 दिसंबर तक आंदोलन स्थगित कर दिया है. इन्वेस्टर्स समिट के बाद सीएम धामी और शिक्षा मंत्री के साथ बैठक में शिक्षकों की मांगों पर फैसला हो सकता है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Dec 4, 2023, 9:54 PM IST
|Updated : Dec 4, 2023, 10:07 PM IST
उत्तराखंड में इन्वेस्टर्स समिट से पहले राज्य सरकार के लिए राहत भरी खबर है. दरअसल राजकीय शिक्षक संघ ने चरणबद्ध आंदोलन को स्थगित करते हुए 31 दिसंबर 2023 तक अब आंदोलन नहीं करने का फैसला किया है. इस दौरान शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने शिक्षक संघ के पदाधिकारी से बातचीत की और उनकी मांगों को गंभीरता के साथ पूरी करवाने की बात कही. इस दौरान राजकीय शिक्षक संघ ने बताया कि समझौते के अनुसार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत की मौजूदगी में इन्वेस्टर्स समिट के बाद बैठक किए जाने का भी आश्वासन दिया गया, जिसमें शिक्षक संघ अपनी विभिन्न मांगों को रख सकेगा.
ये भी पढ़ेंःकैबिनेट बैठक में 14 प्रस्तावों पर लगी मुहर, नंदा देवी कन्या धन योजना में छूटे लाभार्थियों को भी दिया जाएगा लाभ
दरअसल शिक्षक संघ अपने चरणबद्ध आंदोलन को अब तक कर रहा था और इससे शिक्षा विभाग में शैक्षणिक कार्यों पर भी खासा असर पड़ रहा था. शिक्षा विभाग में जिन बिंदुओं पर सहमति बनी है, उसमें सहायक अध्यापक एलटी से प्रवक्ता पद पर पदोन्नति, 5400 ग्रेड पे में काम करने वाले शिक्षकों को राजपत्रित घोषित करना, वन टाइम सेटलमेंट के आधार पर अंतर मंडलीय स्थानांतरण के संबंध में निदेशक माध्यमिक शिक्षा को तत्काल दोनों मंडलों संबंधित शिक्षकों की सूचना उपलब्ध कराने और प्रोन्नत वेतन स्वीकृत होने पर एक वेतन वृद्धि तथा कनिष्ठ /वरिष्ठ का निर्धारण किया जाने का मामला शामिल है.