देहरादून: अटल उत्कृष्ट विद्यालय के तौर पर विकसित किए जाने को लेकर चिह्नित प्रदेश के विभिन्न सरकारी स्कूल सीबीएसई बोर्ड के मानकों पर खरा नहीं उतर पा रहे हैं. ऐसे में शासन-प्रशासन के समक्ष सबसे बड़ी असमंजस की स्थिति इस बात को लेकर है कि आखिर नए शैक्षणिक सत्र से किस तरह अटल उत्कृष्ट विद्यालयों का संचालन शुरू किया जाए.
बता दें कि शासन स्तर से प्रदेश के प्रत्येक ब्लॉक में दो-दो सरकारी स्कूलों को अटल उत्कृष्ट विद्यालय के तौर पर विकसित करने के लिए चिह्नित किया गया है. इस तरह गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में 188 स्कूलों को अटल उत्कृष्ट विद्यालय के तौर पर विकसित करने के लिए चयनित किया गया है. वहीं, इन सभी स्कूलों के लिए सीबीएसई से मान्यता हासिल करना अनिवार्य है.
गौरतलब है कि अटल उत्कृष्ट विद्यालय के तौर पर विकसित किए जाने को लेकर चिह्नित प्रदेश के विभिन्न सरकारी स्कूल सीबीएसई के मानकों पर खरा नहीं उतर पा रहे हैं. स्थिति कुछ यह है कि विभिन्न सरकारी स्कूलों के पास जमीन की कमी है, तो कई स्कूलों के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री ही नहीं है.