देहरादूनः उत्तराखंड राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले चिंता का विषय बनते जा रहे हैं. हालांकि उत्तराखंड सरकार की माने तो काफी हद तक इस संक्रमण पर नियंत्रण पाने के दृष्टिगत पर्याप्त मेडिकल व्यवस्थाएं मुकम्मल की जा चुकी हैं. ऐसे में राज्यवासियों को कोरोना संक्रमण से घबराने की बजाय इसके बचाव को लेकर सावधानी बरतने की आवश्यकता है.
कोरोना से लड़ने के लिए कितने तैयार? उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की बात करें तो यहां 19 इंस्टिट्यूशन क्वारंटाइन सेंटर हैं. जिनमें से 4 फिलहाल जरूरत के मुताबिक चल रहे हैं, जहां 835 लोगों को एहतियातन मेडिकल देखरेख में रखा गया है. इसके अलावा अलग-अलग कोविड केयर सेंटर में 23 लोग वर्तमान समय में हैं. जानकारी के मुताबिक, कुछेक क्वारंटाइन सेंटर सुविधाओं के हिसाब से पेड रखे गए हैं, जबकि ज्यादातर क्वारंटाइन सेंटर निशुल्क उपलब्ध कराए गए हैं. जिसका खर्चा राज्य सरकार वहन कर रही है.
देहरादून का सबसे पुराना दून अस्पताल जो इन दिनों कोविड-19 केस के लिए समर्पित रूप में कार्य कर रहा है. यहां गुरुवार 18 जून तक 40 कोरोना पॉजिटिव रोगियों का इलाज चल रहा है. दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना संक्रमित लोगों के लिए 213 बेड वर्तमान में हैं, जिनमें से ज्यादातर बेड खाली हैं. हालांकि कई कोरोना मरीज लगातार ठीक होकर घर भी वापस जा रहे हैं.
एडवांस मेडिकल व्यवस्था
कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर आगे की तैयारी के रूप में स्वास्थ विभाग देहरादून के रायपुर स्थित राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम में 2000 बेड का कोविड-19 सेंटर एसडीआरएफ के सहयोग से तैयार किया जा रहा है. हालांकि अभी यहां पहले चरण में 1200 बेड वाली मेडिकल व्यवस्था की जा रही है. स्टेडियम में बने कोविड केयर सेंटर में संक्रमित लोगों को लाने का कार्य शुरू हो जाएगा.
राज्य में कोरोना संक्रमण को लेकर बीते तीन महीने से युद्धस्तर पर इलाज में जुटे कई चिकित्सक कर्मी और मेडिकल स्टाफ के साथ-साथ अन्य अपना अहम योगदान दे रहे हैं. हालांकि इस बीच कई मेडिकल टीम कोरोना रोगियों के सम्पर्क में आने के संक्रमित भी हुए हैं. ऐसे में उस मेडिकल स्टाफ को उपचार देने के साथ ही आराम भी दिया जा रहा है.
क्या कहते हैं सीएमओ
देहरादून के चीफ मेडिकल ऑफिसर बीसी रमोला की माने तो कोविड-19 संक्रमण से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग मुकम्मल तैयारियों को अंजाम दे रहा है. देहरादून में अभी तक सबसे अच्छी बात ये देखी गई है कि जो भी रोगी कोरोना पॉजिटिव आकर अस्पताल में भर्ती हुआ है, उनमें से किसी में भी कोरोना का एक भी लक्षण नहीं पाया गया. ऐसे में जनता से अपील है कि वह सोशल डिस्टेंसिंग जैसे तमाम एहतियात बरते और अपनी सुरक्षा को संजीदा रहे.
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क्या कहती है सरकार
राज्य में कोरोना संक्रमण को लेकर प्रदेश के शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक की मानें तो कोविड-19 संक्रमण पर नियंत्रण को लेकर सरकार ने काफी हद तक व्यवस्थाएं पूरी कर ली है. उनका कहना है कि प्रदेश में हालात फिलहाल ठीक है. ऐसे राज्यवासियों को चिंता करने के बजाए संक्रमण से सतर्क रहकर स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन का पालन करने की आवश्यकता है.
कोविड-19 को लेकर पुलिस की व्यवस्था
उत्तराखंड में करीब 10 हजार पुलिसकर्मी भी कोविड-19 संक्रमण को लेकर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. महानिदेशक अशोक कुमार कहते हैं कि लॉकडाउन के पहले दिन से राज्य भर में पुलिस जनता की सुरक्षा व आवश्यक सहायता के लिए दिन-रात जुटी हुई है. हालांकि अब राज्य के अलग-अलग जिलों में ग्राम पंचायत स्तर पर भी कोविड-19 संक्रमण से बचाव को लेकर कार्य हो रहा है. डीजी अशोक कुमार के मुताबिक, संवेदनशील ड्यूटी करने वाले सभी पुलिस कर्मियों की स्वास्थ्य सुरक्षा को देखते हुए ट्रेनिंग सेशन के साथ-साथ सभी तरह के एडवांस मेडिकल उपचार लिए जा रहे हैं. इसी का नतीजा है कि 3 महीनों में मात्र 7 पुलिसकर्मी ही कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए. हालांकि पॉजिटिव लोगों के संपर्क में आए 591 पुलिस कर्मियों को अभी तक क्वारंटाइन किया जा चुका है, जबकि इनमें से 479 लोग क्वारंटाइन की तय अवधि पूरा कर वापस ड्यूटी में आ चुके हैं.