उत्तराखंड Organic State की जानकारी देते कृषि मंत्री. देहरादून: प्रदेश में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के मकसद से सरकार लगातार काम कर रही है. हाल ही में इंटरनेशनल एग्रीकल्चर संस्था IFOAM जर्मनी से आए एक्सपर्ट्स ने देहरादून में ऑर्गेनिक कार्यशाला का आयोजन कर इस सेक्टर से जुड़े लोगों को ऑर्गेनिक फार्मिंग से जुड़े वर्ल्ड क्लास स्टैंडर्ड को लेकर तमाम जानकारियां साझा भी की हैं. इसी को लेकर प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि सरकार की मंशा है कि ऑर्गेनिक उत्पादों को बढ़ावा मिल सके.
जोशी ने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति और कृषि जलवायु विभिन्न औद्यानिक फसलों के अलावा सब्जियों और फलों के उत्पादन के लिए अनुकूल है. यहां उत्पादित सब्जियों से मैदानी क्षेत्रों के लिए व मौसमी होने के कारण कृषकों को बहुत अच्छा मूल्य प्राप्त होता है, साथ ही फूलों की खेती के लिए जलवायु और सुलभ बाजार से नजदीक होने के कारण भी अनुकूल है.
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कृषि मंत्री गणेश जोशी का कहना है कि कुछ दिनों पूर्व एक डेलिगेशन के साथ वो यूरोप भ्रमण पर गये थे, जहां जर्मनी में 117 देशों की एक एग्रीकल्चर व ऑर्गेनिक कॉन्क्लेव का आयोजन हुआ था, वहां एक संस्था के साथ एमओयू साइन किया गया था. उन्होंने बताया कि बीते रोज उनके विशेषज्ञ देहरादून पहुंचे और एक वर्कशॉप आयोजित की गई, इसमें अधिकारियों के साथ ही किसानों ने भी वर्कशॉप का लाभ उठाया.
गणेश जोशी का कहना है कि जब उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ था तब यह राज्य 2 प्रतिशत ऑर्गेनिक था, लेकिन आज प्रदेश 34% ऑर्गेनिक हो गया है. 2025 तक सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश को 50% तक ऑर्गेनिक बनाए जा सके. उन्होंने बताया कि राज्य में आलू उत्पादन मैदानी, तराई और पहाड़ी क्षेत्रों में अलग-अलग मौसम और समय पर किया जाता है. वर्तमान में आलू लगभग 26867 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 3.67 लाख मैट्रिक टन उत्पादित किया जा रहा है. वहीं, उत्तराखंड में आलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मार्केटिंग व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने ₹104.75 करोड़ का प्रस्ताव भी तैयार किया है.