देहरादून:उत्तराखंड सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने की कवायद में जुटी हुई है. इसी क्रम में केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के तहत प्रदेश के 38 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर गरीब लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है. हालांकि, अभी तक राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन से करीब चार लाख से अधिक मरीजों का निशुल्क उपचार किया जा चुका है. इसके साथ ही राज्य में ई-संजीवनी के माध्यम से भी करीब एक लाख 16 हजार से अधिक लोगों को टेली कंसल्टेंसी की सुविधा दी गई है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्य चल रहा है. सरकार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में भी काम कर रही हैं, जिसमें स्वास्थ्य गतिविधियों के साथ-साथ योग सत्र भी चलाए जा रहे हैं.
Health Department: बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं जुटाने में लगी सरकार, नए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र होंगे स्थापित
सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने में जुटी हुई है. जिससे लोगों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े. प्रदेश में कई बार बेहतर स्वास्थ्य सुविधा ना मिलने पर लोगों को अन्य जनपदों का रुख करना पड़ता है. प्राइवेट हॉस्पिटलों का रुख करने से लोगों को काफी धन व्यय करना पड़ता है.
लोगों को मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं:दरअसल, प्रदेश के पांच जिलों देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, उधमसिंह नगर और पौड़ी की शहरी आबादी के लिये राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं. प्रदेश में 38 शहरी प्राथमिक केंद्र संचालित की जा रहे है. जिसमें देहरादून, हरिद्वार, रुड़की और हल्द्वानी में निजी सहभागिता (एनजीओ) के माध्यम से प्राथमिक केन्द्र स्थापित किये गये हैं. साथ ही 11 प्राथमिक केन्द्र राजकीय सहभागिता से संचालित किये जा रहे हैं. इसी योजना के अंतर्गत भूपतवाला, हरिद्वार और मेहूंवाला, देहरादून में 30-30 बेड के शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित किए जाने हैं. जिसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इन क्षेत्रों में मौजूद शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 तक चार लाख 19 हजार 714 मरीजों का इलाज किया जा चुका है. इसके साथ ही एएनसी के लिये 23 हजार 456 गर्भवतियों का पंजीकरण भी कराया गया है. यही नहीं, एक लाख 72 हजार 654 विभिन्न पैथोलॉजी जांच भी की गई है.
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गुणवत्ता पर दिया जा रहा ध्यान:इसके अलावा स्वास्थ्य केन्द्रों पर ई-संजीवनी रेफरल संचालित की जा रही है, जिसके तहत अभी तक एक लाख 16 हजार 555 टेली कंसल्टेंसी प्रदान की जा चुकी है. वहीं, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में भी काम कर रही हैं, जिसमें स्वास्थ्य गतिविधियों के साथ-साथ योग सत्र भी चलाए जा रहे हैं. इसके अलावा, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 1114 महिला आरोग्य समितियां भी कार्य कर रही है. जो शहर की मलिन बस्तियों में महिला को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक, सशक्तिकरण, आजीविका संवर्धन के साथ ही अन्य गतिविधियों के संचालन में सहयोग करेंगी. मंत्री ने बताया कि 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत यूपीएचसी में निःशुल्क डायग्नोस्टिक सेवाएं भी शुरू कर दी गई हैं, जिसके तहत 53 जांचों का अतिरिक्त लाभ भी अब शहरी गरीब आबादी को मिल सकेगा. साथ ही मंत्री ने कहा कि प्रदेश में शहरी स्वास्थ्य मिशन के तहत बेहतर कार्य करने के लिये सेलमपुर, रुड़की के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को साल 2022 के लिये कायाकल्प गुणवत्ता पुरस्कार भी प्रदान किया गया था.