देहरादून:उत्तराखंड राज्य सरकार ने लोगों को राहत देते हुए मोटर वाहन अधिनियम 1988 संशोधन के कई प्रावधानों के दंड में छूट दी है. साथ ही तमाम अपराधों पर राज्य सरकार ने जुर्माना राशि को करीब 50 फीसदी तक घटा दिया है. लेकिन बिना हेलमेट, ड्राइविंग लाइसेंस, निषेध क्षेत्रों में भारी मोटर वाहन चलाने, बिना अनुमति के अनाधिकृत रेसिंग, तेज गति से वाहन चलाने, निषेध क्षेत्रों में हॉर्न का उपयोग करने जैसे अपराधों में राज्य सरकार ने कोई ढील नहीं दी है.
मदन कौशिश, प्रवक्ता उत्तराखंड सरकार. वहीं, शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि लोगों के जान से बड़ीं कोई चीज नहीं होती है. हर साल एक्सीडेंट में सैकड़ों लोगों की मौत होती है. लिहाजा, लोगो में जागरूकता रहे इसका सहयोग इस रूप में होना चाहिए.
मोटर वाहन अधिनियम 1988 'संशोधन'
- धारा 177, 178, 178 (2), 178 (3)(क), 112 के नियम में दिए गए जुर्माने को यथावत रखा है.
- धारा 180 में जुर्माना को ₹5000/- से घटाकर ₹2500/- किया गया.
- धारा 7 में यानी गाड़ी के मोडिफिकेशन पर एक लाख से घटाकर ₹50 हजार किया गया.
- धारा 182 (ख)में 10 हजार जुर्माने को घटाकर ₹5000/- किया गया.
- ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण के लिए ₹10 हजार की जगह ₹2500/- जुर्माना.
- वाहन में क्षमता से अधिक सवारी ले जाने पर ₹200 प्रति सवारी जुर्माना वसूला जाएगा.
- सीट बेल्ट न लगने पर ₹1000 रुपए जुर्माना.
- अग्निशमन, एंबुलेंस को रास्ता ना देने पर ₹10 हजार से घटाकर ₹5000/- रुपये जुर्माने का प्रावधान.
- गलत नंबर प्लेट लगाने पर ₹5000/- का जुर्माना देय होगा.
- वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग करते समय पहली बार में ₹1000 का चालान होगा दूसरी बार में ₹2000 रुपये का होगा चालान.
- खतरनाक ढंग से वाहन चलाने पर ₹2000 का जुर्माना.
- ओवर स्पीड चलने पर ₹2000 का जुर्माना.
- बिना लाइसेंस के ड्राइविंग पर ₹2500/- का प्रावधान.
बिना वाहन इंश्योरेंस के वाहन चलाने पर केंद्र सरकार ने संशोधित मोटर वाहन अधिनियम में ₹2000 और पहले और दूसरे अपराध पर ₹4000 का जुर्माना लगाया है. तो वहीं, उत्तराखंड राज्य सरकार ने पहले और दूसरे अपराध में ₹1000 और ₹2000 के दंड का प्रावधान किया है.