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उत्तराखंड सरकार ने MBBS छात्रों के साथ खत्म किया बॉन्ड सिस्टम, स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का बनेगा कैडर

उत्तराखंड सरकार ने राजकीय मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले छात्रों से 5 साल की बॉन्ड व्यवस्था खत्म कर दी है. जबकि पीजी छात्रों के लिए बॉन्ड की अवधि घटाकर 3 साल कर दी है. स्वास्थ्य विभाग स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का एक अलग कैडर भी बनाने जा रहा है.

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Published : May 30, 2023, 6:19 PM IST

Updated : May 30, 2023, 7:36 PM IST

उत्तराखंड सरकार ने MBBS छात्रों के साथ खत्म किया बॉन्ड सिस्टम.

देहरादूनःउत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने राजकीय मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस कर रहे छात्रों को बड़ी राहत दी है. इसके तहत अब राजकीय मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले छात्रों को बॉन्ड नहीं भरना होगा. स्वास्थ्य विभाग इस व्यवस्था को खत्म करने जा रहा है. इसके साथ ही राजकीय मेडिकल कॉलेज से पीजी करने वाले छात्रों के 5 साल के बॉन्ड को घटाकर 3 साल करने का निर्णय लिया है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का एक अलग कैडर भी बनाने जा रहा है. इससे स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को तमाम अन्य सुविधाएं मिल सकेंगी.

उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग, एनएचएम और ड्रग्स विभाग के साथ बैठक की. इस बैठक में तमाम महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई. इसमें मुख्य रूप से ट्रांसफर एक्ट के अंतर्गत आने वाले सभी कार्मिकों के तबादले तय समय पर हों इस बाबत अधिकारियों को निर्देश दिए गए. बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि चारधाम और अन्य चीजों के लिए भारत सरकार से काफी पैसा मिला है. ऐसे में 750 लोगों की नियुक्ति भी की जानी है. लिहाजा अगले एक महीने के भीतर इस की विज्ञप्ति जारी की जाए.

यही नहीं, स्वास्थ्य विभाग में प्रमोशन की समस्या को दूर करने के लिए अगले एक महीने का समय अधिकारियों को दिया गया है. ताकि प्रमोशन का इंतजार कर रहे कर्मचारियों को उनका लाभ मिल सके. बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का एक अलग कैडर बनाने की तैयारी भी स्वास्थ्य विभाग करेगा. इसके अलावा पब्लिक रिलेशन के लिए अधिकारियों के साथ एक दिन का चिंतन शिविर भी आयोजित किया जाएगा.
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उत्तराखंड सरकार की एमबीबीएस व पीजी के लिए बॉन्ड व्यवस्था:प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले छात्रों से बॉन्ड भराकर कम फीस में एमबीबीएस कराया जाता है. मुख्य रूप से इसका उद्देश्य प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को पूरा करना है. बॉन्ड के तहत इन जूनियर डॉक्टर्स को एमबीबीएस कंप्लीट करने के बाद 5 साल तक प्रदेश के पर्वतीय और दूरस्थ क्षेत्रों में सेवा देनी होती है. राज्य सरकार ने कुछ समय पहले बॉन्ड तोड़ने के नियमों में भी कड़े बदलाव किए थे. लेकिन अब उत्तराखंड सरकार ने यह निर्णय लिया है कि एमबीबीएस करने वाले छात्रों के साथ बॉन्ड नहीं भरा जाएगा. जबकि पीजी करने वाले छात्रों को अब 3 साल का बॉन्ड भरना होगा. यानी पीजी कंप्लीट होने के बाद इन डॉक्टर्स को 3 साल तक प्रदेश के पर्वतीय और दूरस्थ क्षेत्रों में सेवा देनी होगी.

Last Updated : May 30, 2023, 7:36 PM IST

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