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त्रिवेंद्र सरकार का बड़ा फैसला, 'उत्तरांचल संस्कृत संस्थानम' के नाम से जानी जाएगी संस्कृत अकादमी - उत्तराखंड की संस्कृत अकादमी

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में संस्कृत अकादमी का नाम 'उत्तरांचल संस्कृत संस्थानम हरिद्वार, उत्तराखंड' रखने पर निर्णय लिया गया है.

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Published : Sep 8, 2020, 5:51 PM IST

देहरादून: संस्कृत अकादमी को अब उत्तरांचल संस्कृत संस्थानम हरिद्वार के नाम से जाना जाएगा. मंगलवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में संस्कृत अकादमी की बैठक की गई. बैठक में सरकार ने संस्कृत अकादमी का नाम 'उत्तरांचल संस्कृत संस्थानम हरिद्वार, उत्तराखंड' रखने पर निर्णय लिया है. साथ ही संस्कृत के क्षेत्र में अच्छा कार्य करने वालों एवं पांडुलिपियों के संरक्षण के लिए बजट का प्रावधान किया जायेगा. इसके साथ ही संस्कृत के छात्रों को बेहतर सुविधा प्रदान किए जाने को लेकर डिजिटल लाइब्रेरी बनाए जाने पर निर्णय हुआ है, ताकि बच्चों को आसानी से पुस्तकें उपलब्ध हो सकें.

इसके साथ ही संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड राज्य सरकार तमाम कवायद में जुट गई है. इसी क्रम में बैठक के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि आगामी हरिद्वार महाकुंभ मेले के अवसर पर संस्कृत अकादमी द्वारा तमाम कार्यक्रम भी आयोजन किये जायेंगे. इसके अलावा सम्मेलन, गोष्ठियां, प्रशिक्षण एवं कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी. संस्कृत अकादमी द्वारा संस्कृत भाषा में विभिन्न प्रतियोगिताएं एवं संस्कृत नाट्य प्रशिक्षण भी दिये जाएंगे.

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इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि भाषाओं की जननी संस्कृत को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है. जिससे हमारी प्राचीन संस्कृति के संरक्षण के साथ ही संस्कृत भाषा के प्रति युवाओं का रूझान बढ़ सके. उन्होंने कहा कि पहले जनपद एवं उसके बाद ब्लॉक स्तर पर संस्कृत ग्राम बनाये जाएं, ताकि युवाओं को संस्कृत की अच्छी जानकारी हो. इसका समाज तक व्यापक प्रभाव हो, इसके लिए संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के साथ ही शोध कार्य पर विशेष ध्यान दिया जाय.

साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत भाषा, वेद, पुराणों एवं लिपियों पर शोध कार्य पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है, इसके लिए बजट का सही प्रावधान हो. जो भी कार्य किए जाएं, वह परिणाम पर आधारित हों.

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