देहरादून: धामी सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए कांवड़ यात्रा रद्द करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा लोगों को जिंदगी गंवानी पड़े तो ये भगवान को अच्छा नहीं लगेगा, इसलिए लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है. इसके साथ ही सीएम ने कहा कि राज्य सरकार हरिद्वार को कोरोना वायरस का केंद्र नहीं बनाना चाहती, जिसके चलते कावड़ यात्रा को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है. हालांकि, इससे पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि 'कांवड़ यात्रा लोगों की आस्था का विषय है.'
करोना के संभावित तीसरी लहर के बीच इस बार कांवड़ लेकर भक्त नहीं जा सकेंगे. बता दें कि इसको लेकर एक्सपर्ट्स ने पहले ही चेताया था कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच कांवड़ यात्रा सुपरस्प्रेडर इवेंट के रूप में कुंभ मेले से पांच गुना अधिक खतरनाक साबित हो सकती है. जिसको देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. वहीं, इससे पहले पीएम मोदी ने सोमवार को धार्मिक यात्रा के आयोजन पर भी चिंता जताई थी.
उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा रद्द. पढ़ें: कांवड़ यात्रा पर बोले CM धामी, भगवान नहीं करेंगे पसंद किसी की जान जाए
मंगलवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में विचार-विमर्श बैठक आयोजित हुई. जिसमें कांवड़ यात्रा-2021 को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है. पिछले साल भी राज्य सरकार ने कोरोना को देखते हुे कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया था. इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार दिल्ली, यूपी, हिमाचल और हरियाणा के मुख्य सचिव को पत्र भी लिखेगी. इस दौरान उत्तराखंड की सीमाएं कांवड़ियों के लिए सील रहेगी. मुख्यमंत्री ने सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक को पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए प्रभावी कार्यवाही के लिए समन्वय बनाने के भी निर्देश दिए हैं.
इससे पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) उत्तराखंड ने कांवड़ यात्रा को मंजूरी न देने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा था. इसके साथ ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भी सरकार से कांवड़ यात्रा पर जल्द फैसला लेने को कहा था.
राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के बाद एक बार फिर से अटकलें लगाई जा रही थी कि कांवड़ यात्रा संचालित की जा सकती है. इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और अधिकारियों से बातचीत करने के बाद निर्णय लेने की बात कही थी.
कब से हैं सावन:इस साल सावन का महीना 23 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है. परंपरागत रूप से इसके बाद प्रमुख तिथियों पर शिवभक्त गंगा या अन्य प्रमुख नदियों से जल लाकर प्रमुख शिव मंदिरों पर अर्पित करते रहे हैं. इसे कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) कहा जाता है. पिछले साल कोरोना संक्रमण को देखते हुए यह यात्रा स्थगित कर दी गई थी.