देहरादून: उत्तराखंड में बीजेपी सरकार अपने नेताओं की सेवाओं में जो फिजूलखर्ची करती है, उसको लेकर हमेशा विवादों में रहती है. धामी सरकार पर भी सरकारी पैसे की फिजूलखर्ची का जो ताजा आरोप लगा है, वो मामला उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से जुड़ा है. इस मुद्दे पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है.
दरअसल, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के राजनीतिक गुरु और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी कल ही निजी दौरे पर देहरादून पहुंचे हैं. बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी को मुंबई से लाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने स्पेशल चार्टर्ड प्लेन भेजा था. इतना ही नहीं उत्तराखंड सरकार के दो मंत्री उन्हें मुंबई लेने गए थे. जिस पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं.
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उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस की गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी गरिमा दसौनी ने कहा कि राज्य सरकार के पास अपने कर्मचारियों को तनख्वाह देने के लिए पैसे नहीं हैं. सैलरी के लिए बाजार से कर्ज लेना पड़ रहा है. लिहाजा 20 सालों में राज्य पर 70 हजार करोड़ का कर्ज हो चुका है. बावजूद इसके सरकार अपने नेताओं की सेवा में सरकारी पैसे का दुरुपयोग कर रही है.
गरिमा दसौनी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को लाने के लिए चार्टर्ड प्लेन भेजा. उसी प्लेन में बैठकर दो मंत्री गार्ड ऑफ ऑनर भी देने जाते हैं. कोश्यारी महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं. ऐसे में महाराष्ट्र सरकार को उनके आने-जाने की व्यवस्था करनी चाहिए थी, लेकिन बीजेपी अपने नेता की आवाभगत के लिए राज्य की जनता पर वित्तीय बोझ डाल रही है, ये कितना सही है?
साथ ही उन्होंने कहा कि अगर ये परिपाटी ठीक है तो सरकार इस बात का वादा करे कि सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवागमन के लिए स्टेट प्लेन उपलब्ध कराया जाएगा. मुख्यमंत्री धामी को अपने राजनीतिक गुरु के लिए इतना प्रेम उमड़ रहा था, तो वह बीजेपी संगठन से इस फिजूलखर्ची का भुगतान करवाएं या फिर व्यक्तिगत तौर पर इस खर्चे को वहन करें.
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वहीं इस बारे में बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल का कहना है कि भगत सिंह कोश्यारी महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं, लेकिन किसी कारणवश उन्हें देहरादून आना पड़ा है. कांग्रेस को नैतिकता का पाठ पढा़ने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. ये वही कांग्रेस पार्टी है, जो विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए पांच करोड़ रुपये देने को तैयार थी. लेकिन आज इस छोटे से विषय पर कांग्रेस हंगामा कर रही है, जबकि वे महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं.
इससे पहले भी हुआ था हंगामा: बीजेपी सरकार द्वारा संगठन के नेताओं पर सरकारी पैसे की फिजूलखर्ची का ये कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले इसी साल जब मदन कौशिक बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बने थे तब वे सरकारी हेलीकॉप्टर से देहरादून से बागेश्वर गए थे. इतना ही नहीं बागेश्वर में पुलिस ने उन्हें गॉर्ड आफ ऑनर भी दिया था. इस मामले को लेकर विपक्ष ने काफी हंगामा किया था.
वहीं इसके कुछ दिनों बाद उत्तराखंड बीजेपी की सह प्रभारी रेखा वर्मा ने भी सरकारी हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया था. वे उत्तराखंड से अपनी लोकसभा सीट लखीमपुर गई थीं. तब भी कांग्रेस ने काफी हंगामा किया. यही कारण है कि मदन कौशिक ने खुद इस पर इस पर माफी मांगी थी और कहा था कि दोनों हेलीकॉप्टर के किराए का खर्च बीजेपी संगठन उठाएगा.