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राज्य सरकार ने मेट्रो रेल को दी हरी झंडी, 2024 तक होगा पहले चरण का काम पूरा

उत्तराखंड वासियों के लिए अच्छी खबर है. साल 2024 तक हरिद्वार और ऋषिकेश के बीच मेट्रो ट्रेन चल सकेगी. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी ने पहले चरण में हरिद्वार और ऋषिकेश और नेपाली फार्म से देहरादून तक मेट्रो की मंजूरी दे दी है.

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Published : Jun 11, 2020, 6:30 PM IST

उत्तराखंड सरकार
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देहरादून:उत्तराखंड में मेट्रो लाइन बिछाने को लेकर त्रिवेंद्र सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है. यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की बैठक में हरिद्वार से ऋषिकेश और नेपाली फॉर्म से देहरादून तक मेट्रो लाइन बिछाने को लेकर निर्णय लिया गया. इसको राज्य सरकार ने हरी झंडी दे दी है. इसके अलावा देहरादून शहर में भी रोपवे बनाने को हरी झंडी दे दी गयी है. जबकि हरिद्वार शहर में पीआरटी लाइन बिछाने को हरी झंडी दी गयी है.

गुरुवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की बैठक हुई. बैठक में तय किया गया कि 2024 तक मेट्रो प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जाएगा. इस पर करीब 11 हजार करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है. प्रदेश सरकार ने मेट्रो, पीआरटी और रोपवे प्रोजेक्ट का प्रस्ताव अब केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. केंद्र की सहमति मिलते ही टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी यानी यूएमटीए का गठन किया गया है. बैठक में एमडी उत्तराखंड मेट्रो रेल जितेन्द्र त्यागी ने देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश मेट्रो लाइट सिस्टम पर विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया. इसमें हरिद्वार से ऋषिकेश, देहरादून से नेपाली फार्म तक मेट्रो लाइट के लिए रूट प्लान स्टडी के बारे में जानकारी दी गई. इस दौरान देहरादून व हरिद्वार शहर के लिए बनाई गई योजना के बारे में भी जानकारी दी गई.

पहले चरण में हरिद्वार से ऋषिकेश तक संचालित होगी मेट्रो
उत्तराखंड सरकार ने पहले चरण में हरिद्वार से ऋषिकेश तक मेट्रो ट्रेन संचालित करने का निर्णय लिया है. हरिद्वार से ऋषिकेश तक 20 मेट्रो रेलवे स्टेशन बनेंगे. हरिद्वार से ऋषिकेश की दूरी 34.155 किमी है, जिसमें से 1.17 किमी रेल लाइन अंडर ग्राउंड बनाई जाएगी. इसे बनाने में कुल 3,884.03 करोड़ रुपए खर्च होंगे.

दूसरा चरण नेपाली फार्म से विधानसभा तक

इसके साथ ही दूसरे चरण में नेपाली फार्म से विधानसभा तक मेट्रो ट्रेन संचालन किया जाएगा. इसके तहत 34.517 किलोमीटर की रेल लाइन बनाने का लक्ष्य रखा गया है. नेपाली फार्म से देहरादून तक मेट्रो संचालित करने में करीब 3,570.09 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. इसके साथ ही कंडोली से आईएसबीटी तक 11.389 किलोमीटर लंबी लाइन बिछाई जाएगी. इसमें 1,666.81 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. यही नहीं एफआरआई से रायपुर मेट्रो के संचालन के लिए 13.975 किलोमीटर रेल लाइन बिछाई जाएगी. इसका खर्च करीब 1,868.35 करोड़ रुपए आएगा.

देहरादून शहर में रोपवे और हरिद्वार में पीआरटी बनाने को हरी झंडी

यूनिफाइड मेट्रो पॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की बैठक में पहले चरण में देहरादून के अंदर रोपवे के निर्माण को मंजूरी मिल गई. इसके अलावा हरिद्वार शहर के अंदर भी पहले चरण में पीआरटी (Personal Rapid Transit) का निर्माण किया जाएगा.

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शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि देहरादून शहर में मेट्रो नहीं चलाई जा रही है. इसके दो प्रमुख कारण हैं. पहला यदि शहर में मेट्रो अंडर ग्राउंड चलाई जाती है तो इसमें काफी खर्च आएगा. इसके अलावा यदि ब्रिज पर मेट्रो चलाई जाती है तो शहर की सुंदरता खत्म हो जाएगी. इसके साथ ही हरिद्वार शहर की व्यवस्था अस्त-व्यस्त न हो, लिहाजा हरिद्वार में पीआरटी बनाने का निर्णय लिया गया है.

चंडी देवी और नीलकंठ को रोपवे से जोड़ा जाएगा

उत्तराखंड सरकार ने यात्रियों को ध्यान में रखते हुए हरिद्वार के चंडी देवी और नीलकंठ को रोपवे से जोड़ने का निर्णय लिया है. इसके तहत हरिद्वार में हर की पैड़ी के समीप से चंडी देवी तक रोपवे बनाया जाएगा. वहीं नीलकंठ को रोपवे के जरिए ऋषिकेश से जोड़ा जाएगा.

शासकीय प्रवक्ता कौशिक ने बताया कि ये सभी प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे जाएंगे जिस पर भारत सरकार अनुमति देगी. इसके बाद यह कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा. भारत सरकार का अनुमति देने का दो तरह का प्रावधान है. पहला यह है कि केंद्र सरकार 20% का अनुदान दे दे, या फिर दूसरा पार्टनर के रूप में शामिल हो जाए.




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