उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

उत्तराखंड में निवेश 'क्रांति', ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले समझिए मेन Key Words के मायने - इंफ्रास्ट्रक्चर का मतलब

Investors Summit key words उत्तराखंड में निवेश 'क्रांति' होने जा रही है. जिसका आगाज 8 दिसंबर को होगा. राजधानी देहरादून में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले इसके मेन Key Words के मायने समझिये.

Etv Bharat
उत्तराखंड में निवेश 'क्रांति'

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 6, 2023, 10:24 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड की धामी सरकार प्रदेश में निवेश को बढ़ाने की कोशिशों में लगी है. इसी कड़ी में धामी सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन करने जा रही है. उत्तराखंड सरकार का ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 8-9 दिसंबर को देहरादून में आयोजित किया जाएगा. उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन पीएम मोदी करेंगे. इसके अलावा देहरादून में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अडानी, अंबानी सहित देश के तमाम बड़े उद्योगपति हिस्सा लेंगे. देहरादून में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के गुणा-भाग और हासिल को जानने के लिए सबसे पहले इसके की वर्ड्स को जानना जरूरी है. ये की वर्ड्स ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की प्लानिंग से लेकर इसके धरातल तक उतरने तक चर्चाओं में रहते हैं. आइये हम आपको ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के ऐसे ही की वर्ड्स के बारे में बताते हैं जो आने वाले कुछ दिनों चर्चाओं में रहने वाले हैं.

क्या होता है इन्वेस्टर समिट: इन्वेस्टर समिट एक आयोजन होता है जिसमें निवेशकों का जमावड़ा लगता है. राज्य सरकारें अक्सर प्रदेश में रोजगार, उद्योग धंधों को बढ़ाने के लिए इन्वेस्टर समिट का आयोजन करती हैं. इन्वेस्टर्स समिट में सरकार निवेशकों को राज्य में आमंत्रित करती है. उन्हें व्यापार करने के लिए उनके अनुकूल पॉलिसी बनाने का भरोसा देती है. इसके लिए निवेशकों से कई दौर की मीटिंग होती है. निवेशक भी अपनी जरूरतों को देखते हुए ग्राउंड का अध्ययन करता है. उसके बाद किसी तरह के बिजनेस पर विचार किया जाता है. इन्वेस्टर समिट का सीधा सा अर्थ बाहरी निवेशकों को राज्य में आकर्षिक करना होता है. जिसके लिए समिट का आयोजन किया जाता है.

पढ़ें-उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर सीएम धामी ने ली बैठक, सभी तैयारियां समय से पूरी करने का आदेश

निवेश यानि Investment : इन्वेस्टर्स समिट की खबरों के बीच सबसे ज्यादा चर्चा निवेश यानि Investment की होती है. निवेश यानि Investment का अर्थ निवेशक द्वारा किसी भी बिजनेस के लिए किये जाने वाले खर्च से होता है. निवेश आय का वह भाग है जो वास्तविक पूंजी निर्माण के लिये खर्च किया जाता है. इसमें नए पूंजीगत उपकरणों तथा मशीनों, नई इमारतों का निर्माण, कामगारों की सैलरी और दूसरे खर्च शामिल होते हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो आप ऐसे समझ सकते हैं कि निवेश का अर्थ पैसे या बिजनेस बनाने के लिए परिसंपत्ति में लगाये जाने वाली राशि है.

क्या होता है एमओयू: इसे अंग्रेजी में Memorandum of Understanding (MOU)) कहते हैं. इन्वेस्टर्स समिट में निवेश की डीलिंग के बाद एमओयू साइन किया किया जाता है. एमओयू का अर्थ दो पक्षों के बीच किया जाने वाला एक समझौता होता है. ये एक अंडरस्टैंडिग दस्तावेज होता है. इस अंडरस्टैंडिग दस्तावेज में साझा कार्यक्रम की पूरी तय रूपरेखा विस्तार से उल्लेखित की जाती है. साथ ही इसमें नियम व शर्तों पर फोकस किया जाता है. एक तौर पर एमओयू को विधिक पत्र भी कहा जाता है. एमओयू साइन करने का सीधा मतलब भविष्य में आने वाले विवादों को खत्म करना होता है.

पढ़ें-उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023: नैनीताल और उधमसिंह नगर के निवेशकों के साथ 27 हजार करोड़ के MoU

क्या होती है ग्राउंडिंग:इन्वेस्टर्स समिट में एमओयू और निवेश के बाद ग्राउंडिंग का बड़ा महत्व होता है. ग्राउंडिंग का अर्थ इन्वेस्टर्स समिट में जो भी एमओयू साइन हुए हैं, उन्हें धरातल पर उतारने की प्रक्रिया से है. ग्राउंडिंग के लिए सरकार की ओर से कोशिशें की जाती हैं. सरकार की कोशिश होती है जितने एमओयू साइन हुए हैं, उन्हें बिना किसी देरी के धरातल पर उतारा जाये. जिसके लिए कई बार सरकार नोडल अफसर तैनात करती है. नोडल अफसर, निवेशक की जरूरतों को समझते हुए उसके निवेश के हिसाब से तैयारी करता है. इसके तहत निवेशक को क्लीयरेंस, प्लांट व्यवस्था, मैन पावर और दूसरी जरूरी व्यवस्थाओं पर जोर दिया जाता है.

पढ़ें-देहरादून स्मार्ट सिटी के लिए बनाया गया 100 फीट का राष्ट्रीय ध्वज, सीएम धामी ने किया लोकार्पण

क्या होता है इंफ्रास्ट्रक्चर का मतलब:इन्वेस्टर्स समिट के दौरान सबसे ज्यादा जोर इंफ्रास्ट्रक्चर पर ही दिया जाता है. किसी भी उद्योग को लगाने के लिए जिन चीजों की जरूरत होती है उसे इंफ्रास्ट्रक्चर कहा जाता है. इसमें जमीन, रोड, बिजली, पानी, ट्रांसपोर्ट, संचार नेटवर्क, सीवेज जैसी जरूरी चीजें शामिल होती हैं. किसी भी उद्योग के लिए बुनियादी ढांचे की बड़ी महत्ता होती है. निवेशक निवेश करने से पहले इन सभी चीजों पर ध्यान देते हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण आमतौर पर प्राइवेट क्षेत्र द्वारा किया जाता है. इसमें सरकार उन्हें मदद करती है. इंफ्रास्ट्रक्चर किसी भी राज्य की अर्थव्यवस्था का जरूरी हिस्सा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details