देहरादून:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल (सेनि) भुवन चंद खंडूड़ी से भेंटकर उन्हें जन्मदिवस की शुभकामनाएं दीं. विधानसभा अध्यक्ष के ऋतु खंडूड़ी के शासकीय आवास पर जन्मदिन धूमधाम से मनाया(Former CM BC khanduri birthday) गया. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री की बेटी एवं विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने अपने पिता की दीर्घायु की कामना के लिए हवन यज्ञ कर पूजा-अर्चना की. इस अवसर पर उनकी सुपुत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, संगठन महामंत्री अजय कुमार भी उपस्थित रहे.
बता दें कि बीजेपी के दिग्गज नेता रहे भुवन चंद खंडूड़ी इन दिनों सक्रिय राजनीति से दूर हैं, लेकिन राजनीति में उनकी छाप आज भी दिखाई पड़ती है. उत्तराखंड का मुख्यमंत्री रहने के दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार मुक्त शासन का नारा दिया था, जो आज की मौजूदा राजनीति में सबसे ज्यादा प्रभावी दिखाई दे रहा है. भुवन चंद खंडूड़ी की सियासी पारी की बात करें तो वह सेना के एक अधिकारी से मुख्यमंत्री तक का सफर तय करने में सफल रहे हैं. वहीं, भुवन चंद खंडूड़ी को देश में सड़कों का जाल बिछाने के लिए भी जाना जाता है. वह बीजेपी की अटल सरकार में भूतल परिवहन मंत्री रह चुके हैं. उनके मंत्री रहते हुए ही प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना शुरू हुई थी.
1991 में पहली बार बने सांसद:भुवनचंद खंडूड़ी पहली बार 1991 में सांसद चुने गए थे. साथ ही वह 10वीं, 12वीं, 13वीं, 14वीं और 16वीं लोकसभा में सांसद के तौर पर चुने गए. वहीं, साल 1992 से 1997 तक वह उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष भी रहे हैं. अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में भुवन चंद खंडूड़ी को राज्य मंत्री बनाए गया था. उन्हें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार प्रदान किया गया. 2003 में वह कैबिनेट मंत्री भी बने.
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दो बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने:2007 के चुनाव में जब उत्तराखंड में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिला. जिसके बाद बीजेपी ने भुवन चंद खंडूड़ी के नेतृत्व में सरकार बनाई. इस दौरान भुवन चंद खंडूरी ने प्रदेश में भ्रष्टाचार मुक्त शासन स्थापित करने के लिए काम किया और अपने कई फैसलों से उत्तराखंड में अपनी कड़क शासन वाली पहचान बनाई.
हालांकि, इस दौरान उनका साथ विधायकों के साथ टकराव भी होता रहा और बगावती सुर कई बार सामने आते रहे, लेकिन 2009 के आम चुनावों में बीजेपी को उत्तराखंड से एक सीट नहीं मिली तो बीजेपी ने उन्होंने ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद रमेश पोखरियाल निशंक को मुख्यमंत्री बनाया गया. हालांकि, 10 सितंबर, 2011 को रमेश पोखरियाल निशंक की जगह वापस भुवन चंद खंडूड़ी ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
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2012 के चुनाव में मिली हार: उत्तराखंड की राजनीति में कड़क मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी पहचान बना चुके भुवन चंद खंडूड़ी के लिए 2012 का चुनाव बेहद ही निराशाजनक रहा. यह चुनाव उनके मुख्यमंत्री रहते हुए आयोजित किया गया. जिसमें उन्होंने कोटद्वार से चुनाव लड़ा, लेकिन इस चुनाव में उन्हें कांग्रेस नेता सुरेंद्र सिंह नेगी से हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, इस चुनाव में बीजेपी भी बहुमत से दूर रही और कांग्रेस ने सरकार बनाई. इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में वह गढ़वाल सीट से सांसद चुने गए. जबकि 2019 के चुनाव से वह दूर रहे.
राष्ट्रपति से सम्मानित हो चुके हैं खंडूड़ी:भुवन चंद खंडूड़ी का जन्म एक अक्टूबर 1934 को देहरादून में हुआ था. इनके पिता का नाम जय बल्लभ खंडूड़ी था, जो कि पेशे से पत्रकार थे और माता का नाम दुर्गा देवी था, जो एक सामाजिक कार्यकर्ता थीं. भुवनचन्द्र खंडूड़ी ने डिफेंस मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है. उन्होंने लंबे समय तक एक अधिकारी के तौर पर सेना में काम किया है. सेना में रहते हुए भुवन चंद खंडूड़ी को 1982 में राष्ट्रपति द्वारा अति विशिष्ट सेना मेडल से सम्मानित किया जा चुका है. भुवनचंद खंडूड़ी की पत्नी का नाम अरुण खंडूड़ी है. इनके दो बच्चे हैं जिनमें एक बेटा मनीष खंडूड़ी और बेटी ऋतु खंडूड़ी हैं. मनीष कांग्रेस के नेता हैं. जो अभी ऋतु खंडूड़ी कोटद्वार विधानसभा से विधायक और उत्तराखंड विधानसभा की स्पीकर हैं.