देहरादूनःरामनगर वन प्रभाग के फतेहपुर रेंज में पिछले कई दिनों से जिस बाघिन की तलाश की जा रही थी, वो अब भी वन महकमे को नहीं मिल पाई है. खास बात ये है कि कई महीनों की कोशिश के बाद बाघिन का पता न चलने पर अब वन विभाग ने इस बाघिन से आदमखोर होने का तमगा वापस ले लिया है.
दरअसल, चीफ वाइल्डलाइफ वॉर्डन पराग मधुकर धकाते ने अब इस बाघिन को आदमखोर घोषित होने के आदेश को वापस ले लिया है. यानी अब यह बाघिन वन विभाग के अनुसार आदमखोर नहीं रह गई है. बता दें कि इस बाघिन पर 6 लोगों की जान लेने की बात सामने आई थी. जिसके बाद चीफ वाइल्डलाइफ वॉर्डन ने इसे आदमखोर घोषित किया था. लेकिन काफी मशक्कत के बाद भी ना तो वन विभाग इस बाघिन का पता लगा पाया है और ना ही वन क्षेत्र में लगाए गए कैमरों में यह बाघिन नजर आई है.
बाघिन से हटा 'आदमखोर' का तमगा. ये भी पढ़ेंःफतेहपुर रेंज में ड्रोन से आदमखोर बाघ को तलाश रही शूटरों की टीम, 6 लोगों को बना चुका निवाला
खास बात यह है कि करीब 2 महीनों से इस बाघिन के क्षेत्र में नजर नहीं आने और किसी भी व्यक्ति को शिकार ना बनाने के बाद महकमे ने इस पर लगे आदमखोर के तमगे को हटा दिया है. हालांकि, चीफ वाइल्डलाइफ वॉर्डन ने इस बाघिन के आदमखोर होने के तमके को हटा लिया हो, लेकिन अब भी वन विभाग लगातार इस बाघिन की खोजबीन में जुटा हुआ है. वहीं, विभागीय डीएफओ को निर्देशित किया गया है कि जल्द से जल्द इस बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ा जाए.
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उधर, लोगों को भी जागरूक रहने के लिए कहा गया है. साथ ही ऐसे करीब 120 प्वॉइंट पर कर्मचारियों को लगाया गया है, जहां से स्थानीय लोग जंगलों के भीतर जा सकते हैं. बता दें कि इस बाघ को पकड़ने और मारने के लिए हिमाचल के मशहूर शिकारी आशीष दास गुप्ता, मेरठ के जाने-माने अंतरराष्ट्रीय शूटर सैयद अली बिन हादी और हिमाचल के पांवटा साहिब के शिकारी चौधरी किरनेश जंग ने भी मोर्चा संभाला, लेकिन बाघिन पकड़ में नहीं आई.