देहरादूनःउत्तराखंड की वन भूमि पर अतिक्रमण के मामले अब विभाग के निशाने पर हैं. यूं तो न्यायालय भी इस मामले पर आदेश दे चुका है. लेकिन अब जाकर वन विभाग अतिक्रमित निर्माणों को चिन्हित (Forest Department identified encroachment sites) कर पाया है. हैरानी की बात यह है कि वन विभाग की निगरानी करने वाले महकमे के अधिकारियों को ही यह नहीं पता कि यह निर्माण कब कब किये गये.
देहरादून डिवीजन में वन विभाग की धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई (Forest Department action on religious places) इन दिनों चर्चाओं में है. दरअसल, दून डिवीजन में कुल 17 अवैध रूप से बनाई गई मजारों को चिन्हित किया गया है. इसमें से 15 मजारों पर हथौड़ा चलाया गया है. मजे की बात ये है कि फॉरेस्ट लैंड में यह अतिक्रमण कब हुए यह वन विभाग के अधिकारियों को पता ही नहीं चला.
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