देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Former Chief Minister Harish Rawat) ने पुष्कर धामी कैबिनेट मीटिंग (pushkar dhami cabinet meeting) में लिए गए फैसलों को लेकर सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने ने कटाक्ष करते हुए कहा कि जिस लेम-डक सरकार (lame duck government) की वापसी की संभावना ना के बराबर हो, उसको संकल्पों की जगह विधानसभा सत्र (assembly session) बुलाकर कानून बनाने की पहल करनी चाहिए थी.
रिक्त पदों को लेकर हरदा का वार
हरीश रावत का कहना है कि सरकार ने जो 6 संकल्प कैबिनेट में लिए हैं, उनमें से अधिकतर के लिए कानून बनाकर पहल की जानी चाहिए थी. जिससे आने वाली सरकार के लिए उनका पालन करने में कानूनी बाध्यता हो जाती. साथ ही हरदा ने रिक्त पदों को भरने की चुनौती (Challenge to fill vacancies) देते हुए कहा कि यदि सरकार 22 हजार के स्थान पर 22 सौ रिक्त पदों को भी भर दे तो वे स्वयं उनको धन्यवाद प्रेषित करेंगे.
ये भी पढ़ें:हरदा ने 'बागियों' को बताया खट्टे अंगूर, कहा- एक व्यक्ति का दु:ख है, कांग्रेस में रहते तो जरूर बनते सीएम
हरीश रावत का कहना है कि उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग (Uttarakhand Subordinate Selection Service Commission) के पास अभी तक मात्र दो हजार पदों को भरने के प्रस्ताव पहुंचे हैं. भाजपा सरकार बाइस हजार भर्तियां करने का दावा कर रही है. आयोग और उत्तराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद के पास इतनी परीक्षा आयोजित कराने की क्षमता भी नहीं है कि वो 22 हजार भर्ती प्रक्रिया की परीक्षाओं को आयोजित करा सके.
संविदा कर्मी की स्थायी नियुक्ति हो: हरीश