देहरादून: उत्तराखंड में आखिरकार बिजली के दाम बढ़ने जा रहे हैं. उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की तरफ से बिजली को लेकर नया टैरिफ जारी कर दिया गया है. खास बात यह है कि इस बार घरेलू उपभोक्ताओं पर भी काफी ज्यादा बोझ पड़ने जा रहा है. राज्य में इस बार घरेलू उपभोक्ताओं पर 31 मार्च 2020 की तुलना में 6.98% की टैरिफ में वृद्धि होने जा रही है.
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए इतनी महंगी हुई बिजली: उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की तरफ से बिजली की कीमतों को लेकर नया टैरिफ जारी कर दिया गया है. नए टैरिफ के अनुसार घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सौ यूनिट तक प्रति यूनिट 25 पैसे की बढ़ोत्तरी की गई है. हालांकि आयोग की तरफ से फिक्स चार्ज में किसी भी तरह की बढ़ोत्तरी नहीं की गई है. उधर दूसरी तरफ बीपीएल उपभोक्ताओं को भी अब 10 पैसे प्रति किलोवाट की वृद्धि के रूप में देना होगा.
कमर्शियल उपभोक्ताओं के लिए इतनी महंगी हुई बिजली: उधर कमर्शियल उपभोक्ताओं को 0.57% की बढ़ोत्तरी के साथ अपने बिल की अदायगी अब करनी होगी. कुल मिलाकर इस बार बिजली के बढ़े हुए दामों का सबसे ज्यादा असर घरेलू उपभोक्ताओं पर पड़ा है. आयोग की तरफ से मछली पालन करने वाले शिक्षकों को अब कमर्शियल की जगह कृषि के रूप में बिल की अदायगी का अवसर दिया गया है. इस तरह मछली पालकों को एक विषय को की तरह छूट मिल पाएगी.
सोलर वाटर प्लांट वालों को रिबेट: इसके अलावा सोलर वाटर के प्लांट लगाने वाले लोगों को भी राहत देते हुए इन्हें रिबेट देने का फैसला लिया गया. समय से बिजली बिला का भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को दी जाने वाली छूट में भी बढ़ोत्तरी की गई है. पहले 1.25% की छूट ऐसे लोगों को दी जाती थी. अब उसमें बढ़ोत्तरी करते हुए 1.50 की बिलिंग में छूट दी जाएगी.
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विद्युत नियामक आयोग की ये है थ्योरी:उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की तरफ से स्पष्ट किया गया कि राज्य में कुल मांग के महज 30% बिजली ही राज्य उत्पादन कर रहा है. लिहाजा ऊर्जा प्रदेश के रूप में बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी न किए जाने की मांग को इस रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता.
दरअसल यूपीसीएल के वार्षिक राजस्व को 2023-24 के लिए 9900 करोड़ रखा गया है, जिसमें कुल 9029 करोड़ का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान लगाया गया. ऐसे में कुल 870.85 करोड़ के राजस्व के अंतर को देखते हुए आयोग की तरफ से टैरिफ में 9.64% की बढ़ोतरी की गई है. हालांकि डोमेस्टिक और कमर्शियल दोनों ही श्रेणियों के लिए उपभोक्ताओं से लिया जाने वाला फिक्स चार्ज यथावत रहेगा और इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है.
बीपीएल उपभोक्ताओं के लिए 10 पैसा प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है, इससे राज्य के करीब चार लाख बीपीएल उपभोक्ता प्रभावित होंगे. घरेलू श्रेणी के लिहाज से 100 यूनिट तक एक माह में उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं पर 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि हुई है. फिलहाल 100 यूनिट तक वाले उपभोक्ताओं को 02.90 पैसे प्रति यूनिट का भुगतान करना होता है. अब इन लोगों को ₹3.15 पैसे चुकाने होंगे. 101 से 200 यूनिट तक वाले उपभोक्ताओं को अभी ₹4.40 पैसे प्रति यूनिट देने होते हैं, जिन्हें अब ₹4.60 पैसे प्रति यूनिट देने होंगे. 201 से 400 यूनिट वाले उपभोक्ताओं को ₹6.10 पैसे का भुगतान करना होता है और अब उन्हें ₹6.30 पैसे का भुगतान करना होगा. 400 यूनिट से अधिक प्रयोग करने वाले उपभोक्ताओं को अब ₹6.90 पैसे से बढ़ाकर ₹6.95 पैसे प्रति यूनिट देने होंगे. वहीं, घरेलू उपभोक्ताओं के अलावा व्यवसायिक उपभोक्ताओं के लिए भी बिजली के दाम बढ़ाए गए हैं, अब व्यवसायिक उपभोक्ताओं के बिजली दर में 0.57 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. इसी तरह इंडस्ट्री के लिए 1.34% की टैरिफ में बढ़ोतरी की गई है. इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल चार्जिंग प्वाइंट में भी 5.04% की वृद्धि की गई है.