देहरादूनः उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने तमाम कोशिशें की जाती है, लेकिन तमाम कोशिशें फेल हो जाती है. इसी कड़ी में अब शिक्षा विभाग ने ऐसे शिक्षकों को घर बैठाने का फैसला कर लिया है, जो या तो लंबे समय से गायब चल रहे हैं या फिर शैक्षणिक कार्य को बेहतर तरीके से करने में अक्षम दिख रहे हैं. शिक्षा विभाग के निदेशालय में आज शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने अधिकारियों की बैठक लेते हुए ऐसे कई मुद्दों पर बातचीत की.
उत्तराखंड में शिक्षकों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति देने की दिशा में एक बार फिर शिक्षा विभाग ने कदम बढ़ा दिए हैं. शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने अधिकारियों की बैठक लेते हुए ऐसे शिक्षकों को चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं. जो लंबे समय से अवकाश पर हैं. इसके अलावा बेहतर परफॉर्मेंस देने में असफल साबित हो रहे हैं. ऐसे शिक्षकों को सेवानिवृत्ति देने के बाद खाली पदों पर शिक्षकों की भर्ती करने का काम भी किया जाएगा.
इस दिशा में शिक्षकों की सभी जानकारी को ऑनलाइन रखने के लिए मानव संपदा पोर्टल भी जल्द तैयार किया जाएगा. जिसका संचालन राज्य विद्या समीक्षा केंद्र के अंतर्गत किया जाएगा. इसके अलावा राज्य में छात्र-छात्राओं को कैरियर काउंसलिंग का लाभ देते हुए विभिन्न क्षेत्रों की जानकारी दी जाएगी. इससे जुड़ी जानकारियां भी पोर्टल पर ऑनलाइन रूप से छात्र-छात्राएं ले सकेंगे.
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उधर, उत्तराखंड शिक्षा विभाग में अब आईटी संबंधी कार्यों के लिए भी आईटी सेल का भी जल्द गठन किया जाएगा. जिसमें आउटसोर्स के माध्यम से आईटी एक्सपर्ट की भी तैनाती की जाएगी. बैठक में विभिन्न निर्माण कार्यों को करने के लिए भी कार्रवाई संस्थाओं के साथ विस्तृत चर्चा की गई. जिसमें 2 हफ्ते के भीतर क्लस्टर स्कूल और पीएम श्री स्कूलों की डीपीआर पेश करने के लिए कहा गया है.
इसको लेकर उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में विभिन्न कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए हैं. इसमें खासतौर पर बीते लंबे समय से तैयार की जा रही योजनाओं पर समय से काम पूरा किया जा सके, इसके लिए भी अधिकारियों को कहा गया है.