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मॉनसून की दस्तक, बिना ट्रेंड अधिकारियों और कर्मचारियों के कैसे जीतेंगे आपदा से 'जंग' - आपदा सचिव रंजीत सिन्हा

हर साल उत्तराखंड में आपदा का कहर देखने को मिलता है. अब मॉनसून का सीजन भी शुरू हो चुका है. ऐसे में अभी से कई जगहों पर आपदा जैसी स्थिति देखने को मिल रही है. लिहाजा, आपदा से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग अलर्ट हो गया है. इसी कड़ी में आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने संबंधित विभागीय अधिकारियों की बैठक ली और जरूरी दिशा निर्देश दिए. बैठक में प्रशिक्षित अधिकारियों और कर्मचारियों को लेकर बात की गई.

Disaster Management Secretary Ranjit Sinha
कर्मचारियों के कैसे जीतेंगे आपदा से जंग

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Published : Jul 2, 2023, 10:57 AM IST

देहरादूनःउत्तराखंड में भारी बारिश के मद्देनजर आपदा प्रबंधन विभाग अलर्ट मोड पर है. इसी कड़ी में आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा की अध्यक्षता में आपदा की तैयारियों के संबंध में बैठक की गई. बैठक में विभागीय अधिकारियों के साथ ही एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पीडब्ल्यूडी, पेयजल, मौसम विभाग समेत संबंधित 24 विभागों के अधिकारी मौजूद रहे. वहीं, बैठक के दौरान भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर अधिकारियों को अलर्ट रहने के साथ ही 11 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए.

आपदा की तैयारियों के संबंध में बैठक

आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक में इमरजेंसी मैनेजमेंट, फील्ड में लगाए गए कर्मचारियों की जानकारी, फील्ड में तैनात वाहनों में जीपीएस लगाने, जीआईएस मैपिंग, डिजास्टर मैनेजमेंट का प्लान, फील्ड में तैनात लोगों से कोआर्डिनेशन, आपदा के समय विभागों का डिप्लॉयमेंट और अधिकारियों की तैनाती पर बात की गई. इसके अलावा पिछले साल आपदा से हुए नुकसान और लोकेशन की जानकारी समेत 11 बिंदुओं पर चर्चा किया गया.

उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने ली बैठक
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उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि बैठक का मुख्य मुद्दा इमरजेंसी मैनेजमेंट था. जिसमें मुख्य रूप से इस बात पर जोर दिया गया कि विभागों की जो सभी इक्विपमेंट और रिसोर्स हैं, उनकी मैपिंग हुई है या नहीं, इसकी जानकारी ली गई. साथ ही सचिव ने कहा कि कुछ कमियां भी उजागर हुई है. उसको सही करने के लिए आपदा विभाग का सहयोग चाहिए. उस पर भी बात किया गया है. आपदा के लिहाज से ये भी बेहद महत्वपूर्ण है कि जो विभागों के कर्मचारी हैं वो ट्रेंड हैं या नहीं, ये भी बेहद जरूरी है.

इसके अलावा कई बार देखा जाता रहा है कि इमरजेंसी सेंटर में जिन विभागों के अधिकारियों को ड्यूटी पर लगाया जाता है, उनको उनके विभाग के अंदर की पूरी जानकारी नहीं होती है. ऐसे में जब तक विभाग की पूरी जानकारी नहीं होगी, तब तक इमरजेंसी मैनेजमेंट संभव नहीं है. ऐसे में कोशिश है कि विभागों के जो अधिकारी और कर्मचारी हैं, वो पूरी तरह से ट्रेंड हों.

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