खास है धामी सरकार की ड्रोन पॉलिसी देहरादून: देश में पहला ड्रोन फेस्टिवल आयोजित करने वाले उत्तराखंड राज्य ने अब ड्रोन पॉलिसी को मंजूरी दे दी है. इसके बाद प्रदेश में आधुनिकीकरण के एक नए सेक्टर को खोल दिया गया है. जिससे ड्रोन सेक्टर को पंख लगेंगे. साथ ही ड्रोन व्यवसाय के साथ साथ ड्रोन के क्षेत्र में रोजगार की भी सम्भावनाएं बढेंगी.
ड्रोन पॉलिसी में सरकार इस तरह से देगी इंडस्ट्रियल लाभ:ड्रोन पॉलिसी के अनुसार इस क्षेत्र में व्यवसाय स्थापित करने के लिए DPR बनाने में 50 फीसदी मदद सरकार करेगी. इसकी अधिकतम सीमा 5 लाख तक होगी.लोन पॉलिसी के तहत सरकार लघु उद्योगों में राहत प्रदान करेगी. जिसमें तकरीबन ढाई सौ लोगों को हर साल रोजगार और 100 करोड़ रुपए तक की मदद सरकार करेगी.
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ड्रोन पॉलिसी लाने का मुख्य उद्देश्य:उत्तराखंड में सरकार ड्रोन पॉलिसी लाकर ड्रोन डिजाइन निर्माण और प्रशिक्षण के अलावा मेंटेनेंस के क्षेत्र में उद्योगों का विकास करना चाहती है. इसके अलावा ड्रोन के क्षेत्र में स्टार्टअप के साथ-साथ ड्रोन ऑपरेट की ट्रेनिंग के साथ-साथ समाज के अलग-अलग क्षेत्र में किस तरह से ड्रोन उपयोगी साबित हो सकता है इसको लेकर के माहौल बनाना चाहती है.
ड्रोन पॉलिसी से जुड़ी कुछ बड़ी बातें:ड्रोन सेक्टर में सर्विस क्षेत्र से जुड़े व्यवसायियों के लिए सरकार पहले साल में ₹10लाख, दूसरे साल में 7.5 लाख रुपए, तीसरे साल में 5 लाख तक की अधिकतम सब्सिडी देगी.ड्रोन सेक्टर में स्टार्टअप करने वाले लोगों के लिए सरकार की स्टार्टअप नीति के तहत 200 करोड़ के फंड में से 15% फंड केवल ड्रोन निर्माण के उद्योगों के लिए रखी गई है.उत्तराखंड में ड्रोन सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए तमाम ड्रोन स्कूल और रूम से संबंधित कोर्स ऑपरेट कराने के लिए भी सरकार ने कैपिटल सब्सिडी देने की योजना बनाई है. जिसके तहत अधिकतम 1 करोड़ रुपए या फिर 50% सब्सिडी सरकार द्वारा दी जाएगी.
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उत्तराखंड सरकार प्रदेश में ड्रोन नीति को मंजूरी दे चुकी है. वहीं इसके अगले चरण में आईटी विभाग द्वारा सचिव आईटी की अध्यक्षता में ड्रोन राज्य समिति का गठन होगा. जिसमें सचिव आईटी, वित्त सचिव नियोजन सचिव गृह एविएशन और आईटीडीए के उच्च अधिकारी शामिल होंगे. इस समिति में कुछ एक्सपर्ट्स को भी शामिल किया जाएगा. उत्तराखंड में ड्रोन उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ और सर्विस सेक्टर में निवेश के लिए 500 करोड़ का बजट सरकार ने रखा है. इस पॉलिसी के जरिए सरकार ने 5000 रोजगार सृजन करने का लक्ष्य रखा है.जिसमें ऑपरेटर और मेंटेनेंस सर्विस शामिल हैं. ड्रोन सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सरकार ड्रोन की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने वाले व्यवसाई को पहले साल में 20 लाख रुपए तक या फिर 75% तक, दूसरे साल में अधिकतम 15 लाख रुपए या फिर 50 फ़ीसदी और तीसरे साल में अधिकतम 25 फीसदी और 10 लाख रुपए तक की सब्सिडी देगी.
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ईटीवी भारत से बात करते हुए सचिव तकनीकी शैलेश बगोली ने बताया ड्रोन पॉलिसी आने से केवल तकनीकी विभाग में ही नहीं बल्कि आम लोगों से जुड़े कई और सेक्टर भी प्रभावित होंगे. उन्होंने बताया ड्रोन पॉलिसी के आने से खनन, सर्विलांस, एग्रीकल्चर के अलावा आपातकालीन सेवाओं के लिए इसकी अपार संभावनाएं खुलेंगी. इसके अलावा राजस्व के क्षेत्र में संपति के मानचित्रिकरण और अन्य कई प्रकार के शोध और विकास कार्यों में इसका लाभ होगा.