देहरादून: गैरसैंण में धामी सरकार ने अपना पहला पूर्ण बजट पेश किया. वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 77407.08 करोड़ रुपए का बजट सदन में रखा. राज्य सरकार ने इस बजट के माध्यम से न केवल युवाओं को साधने की कोशिश की, बल्कि सरकार ने इसे समावेशी बजट बनाने पर भी पूरा जोर दिया. पहली बार सरकार ने लक्ष्य आधारित विकास को ध्यान में रखकर बजट पेश किया. मौजूदा बजट में एक शहर से दूसरे शहर में हवाई कनेक्टिविटी हो, सड़क हो, पुल हो या फिर केबल कार जैसी सुविधाएं देने का दम भरा गया है. इसके साथ ही युवाओं को रोजगार, गांवों में विकास योजनाएं और आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी सरकार ने कई तरह के प्रावधान किए हैं. मगर इन सबके बाद भी आपको जानकर हैरानी होगी कि 31 मार्च 2023 तक राज्य सरकार का जितना बजट पेश हुआ है, लगभग उतना ही कर्ज उत्तराखंड पर चढ़ चुका है.
वित्त सचिव दिलीप जावलकर के मुताबिक, उत्तराखंड पर 68 हजार 844 करोड़ रुपए का कर्ज होने का अनुमान है. ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि राज्य सरकार इस कर्ज को कैसे और कब तक उतार पाएगी? क्योंकि साल दर साल केंद्र हो या दूसरे माध्यमों से सरकार कर्ज लेकर राज्य में तनख्वाह से लेकर कई तरह के कार्य करवा रही है. मौजूदा समय में उत्तराखंड सरकार का बजट 77 हजार 407 करोड़ 8 लाख (77,407.08 करोड़) रुपए का है, जबकि प्रदेश पर कर्ज ही 68 हजार 844 करोड़ रुपए है. राज्य में विकास की जिस लहर को चलाने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बजट पेश किया है, उसमें लगभग 20 हजार 893 करोड़ (20,893 करोड़) रुपए केंद्र से मिलने की उम्मीद सरकार को है, जिसके बाद ही इस बजट को धरातल पर उतारा जाएगा. इसके साथ ही राज्य सरकार राजस्व और पूंजीगत खर्चों को पूरा करने के लिए 19 हजार 460 करोड़ (19,460 करोड़) रुपए का कर्ज लेगी.
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