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जल्द ही उत्तराखंड के बजट जितना हो जाएगा कर्ज का बोझ, सैलरी और पेंशन ने तोड़ी 'विकास' की कमर

उत्तराखंड पर धीरे धीरे कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है. एक अनुमान के मुताबिक मार्च 2023 तक उत्तराखंड का कर्ज, यहां के बजट के बराबर हो जाएगा. उत्तराखंड सरकार के बजट का एक बड़ा हिस्सा सैलरी और पेंशन में चला जाता है. जिसके कारण राज्य सरकार को विकास कार्यों के लिए केंद्र की मदद पर निर्भर रहना पड़ता है.

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जल्द ही उत्तराखंड के बजट जितना हो जाएगा कर्ज

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Published : Mar 16, 2023, 2:25 PM IST

Updated : Mar 16, 2023, 5:52 PM IST

देहरादून: गैरसैंण में धामी सरकार ने अपना पहला पूर्ण बजट पेश किया. वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 77407.08 करोड़ रुपए का बजट सदन में रखा. राज्य सरकार ने इस बजट के माध्यम से न केवल युवाओं को साधने की कोशिश की, बल्कि सरकार ने इसे समावेशी बजट बनाने पर भी पूरा जोर दिया. पहली बार सरकार ने लक्ष्य आधारित विकास को ध्यान में रखकर बजट पेश किया. मौजूदा बजट में एक शहर से दूसरे शहर में हवाई कनेक्टिविटी हो, सड़क हो, पुल हो या फिर केबल कार जैसी सुविधाएं देने का दम भरा गया है. इसके साथ ही युवाओं को रोजगार, गांवों में विकास योजनाएं और आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी सरकार ने कई तरह के प्रावधान किए हैं. मगर इन सबके बाद भी आपको जानकर हैरानी होगी कि 31 मार्च 2023 तक राज्य सरकार का जितना बजट पेश हुआ है, लगभग उतना ही कर्ज उत्तराखंड पर चढ़ चुका है.

वित्त सचिव दिलीप जावलकर के मुताबिक, उत्तराखंड पर 68 हजार 844 करोड़ रुपए का कर्ज होने का अनुमान है. ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि राज्य सरकार इस कर्ज को कैसे और कब तक उतार पाएगी? क्योंकि साल दर साल केंद्र हो या दूसरे माध्यमों से सरकार कर्ज लेकर राज्य में तनख्वाह से लेकर कई तरह के कार्य करवा रही है. मौजूदा समय में उत्तराखंड सरकार का बजट 77 हजार 407 करोड़ 8 लाख (77,407.08 करोड़) रुपए का है, जबकि प्रदेश पर कर्ज ही 68 हजार 844 करोड़ रुपए है. राज्य में विकास की जिस लहर को चलाने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बजट पेश किया है, उसमें लगभग 20 हजार 893 करोड़ (20,893 करोड़) रुपए केंद्र से मिलने की उम्मीद सरकार को है, जिसके बाद ही इस बजट को धरातल पर उतारा जाएगा. इसके साथ ही राज्य सरकार राजस्व और पूंजीगत खर्चों को पूरा करने के लिए 19 हजार 460 करोड़ (19,460 करोड़) रुपए का कर्ज लेगी.
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बजट में से ही राज्य सरकार को पेंशन और तनख्वाह देने के लिए 26 हजार करोड़ रुपए खर्च करने हैं, जिसमें से 18 हजार करोड़ रुपए से अधिक की तो तनख्वाह ही बांटनी है. वहीं 7 हजार 601 करोड़ रुपए की पेंशन देनी है. इस बात से आप समझ सकते हैं कि जब इतना बड़ा हिस्सा तनख्वाह और पेंशन में जाएगा तो राज्य के विकास में कितना पैसा सरकार खर्च कर पाएगी. हालांकि, इन सबके बाद अच्छी बात यह भी है कि बीते वित्तीय वर्ष (2022-23) में राज्य सरकार ने 1700 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाया भी है.
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चलिए आपको बताते हैं कि राज्य सरकार ने बजट में किस विभाग के लिए कितने करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. युवा कल्याण में खेल और शिक्षा को भी शामिल किया गया है उसके लिए 10 हजार 459 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है. कृषि के लिए 1 हजार 294 करोड़ रुपए बजट रखा गया है. पेयजल और आवास नगर निगम के लिए 2 हजार 525 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है. सिंचाई के लिए 1 हजार 443 करोड़ रुपए का बजट है. लोक निर्माण विभाग के लिए 2 हजार 791 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है.
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Last Updated : Mar 16, 2023, 5:52 PM IST

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