देहरादून:उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण को लेकर स्थिति बदली है. एक ओर जहां संक्रमितों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है, वहीं रिकवरी दर में भी सुधार हुआ है. रिकवरी की बढ़ती चाल ने कुछ हद तक सिस्टम को भी सुकून दिया है. उत्तराखंड में कोरोना का पहला मामला 15 मार्च को सामने आया था. शुरुआती दौर में संक्रमण को लेकर स्थिति नियंत्रण में थी.
लेकिन जमातियों के यहां पहुंचने के बाद से मामले तेजी से बढ़ने शुरू हो गए और ग्राफ ऊपर चढ़ गया. फिर किसी तरह से हालात पर काबू पाया, लेकिन लॉकडाउन-3 में मिली छूट के बाद प्रवासियों के लौटने का सिलसिला शुरू हुआ, तो कोरोना वायरस का प्रसार कई गुना बढ़ गया, लेकिन अब अनलॉक-4 में सर्वाधिक कोरोना मरीज मिलने के बाद भी रिकवरी दर में 6.24 प्रतिशत का सुधार आया है.
वर्तमान समय में रिकवरी दर करीब 75 फीसदी तक पहुंच गया है.
वहीं, कोरोनेशन अस्पताल के सीनियर फिजीशियन और मुख्यमंत्री के चिकित्सक डॉ. एनएस बिष्ट ने कहा कि कोरोना के प्रसार का बड़ा कारण लोगों ने बुखार के लक्षण को नजर अंदाज कर जगह जगह घूम रहे हैं. चिकित्सकों ने भी इसमें लापरवाही बरती है. डॉक्टर तमाम जाचें तो लिख रहे हैं, लेकिन कोरोना जांच लिखने से बच रहे हैं. जबकि डब्लूएचओ की गाइडलाइन में साफ है कि बुखार आने पर कोरोना टेस्ट कराना बेहद जरूरी है.
देहरादून में बनाए गए नए कंटेनमेंट जोन
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बाद देहरादून नगर निगम क्षेत्र में भी लगातार कंटेनमेंट जोन बन रहे हैं. जिसके तहत आज कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के मिलने के बाद नगर निगम क्षेत्र के 17 नए कंटेनमेंट जोन घोषित किया है. वहीं, 13 क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन से बाहर किया है.
मसूरी में कोरोना के 11 मरीज
सोमवार को मसूरी में 11 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं. वहीं, एक टिहरी जनपद से कोरोना पॉजिटिव मसूरी में आया है. मसूरी कोविड-19 नोडल अधिकारी डॉ. प्रदीप राणा ने बताया कि मसूरी के आईटीएम पिक्चर पैलेस बाला हिसार बार्लोगंज के 11 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. यह सभी एसिंप्टोमेटिक हैं. सभी को होम आइसोलेट किया गया है. उन्होंने सभी से कोविड-19 के नियमों के साथ सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क अनिवार्य रूप से पहनने का आग्रह किया है.