देहरादून: उत्तराखंड के तीन जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी की भर्ती लोगों के लिए बड़ी चर्चा का विषय बनी हुई है. कानूनी प्रक्रिया में फंसी यह तीनों भर्तियां अब नैनीताल हाईकोर्ट में भी विचाराधीन हैं. हाल ही में नैनीताल हाईकोर्ट की तरफ से भर्ती प्रक्रिया के लिए बनाई गई तीन सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए जा चुके हैं. दो हफ्तों के भीतर सरकार को भी इस मामले में कार्रवाई कर हाईकोर्ट को जवाब देना है. इतना कुछ चल रहा है, लेकिन इस बीच राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड के अध्यक्ष दान सिंह रावत ने एक ऐसा बयान दे दिया है, जिसके बाद इस पूरे मामले पर राजनीति तेज होना तय है.
चतुर्थ श्रेणी भर्ती को कोऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन ने दी क्लीनचिट, बोले- शासन के निर्देश पर हुई पूरी भर्ती प्रक्रिया
Cooperative Bank Class IV recruitment उत्तराखंड के सहकारी बैंकों में हुई चतुर्थ श्रेणी भर्ती में गड़बड़ी मामले को लेकर जहां एक तरफ हाईकोर्ट नैनीताल ने दो हफ्तों में रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, तो वहीं इस मामले में अब उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड के अध्यक्ष ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को ही क्लीनचिट दे दी है. इतना ही नहीं भर्ती में अपनाई गई प्रक्रिया को भी शासन के निर्देशानुसार बताया गया है. Cooperative Bank recruitment
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Oct 2, 2023, 9:32 AM IST
|Updated : Oct 3, 2023, 10:48 AM IST
तीन सदस्यीय कमेटी ने गड़बड़ी की रिपोर्ट दी: दरअसल सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने सबसे पहले इस पूरे प्रकरण में जांच के निर्देश दिए थे. हालांकि तब भी जिला सहकारी बैंकों की तरफ से भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी होने की बात कही गई थी और मामले में राजनीति के तहत विवाद किए जाने की सुगबुगाहट भी सुनाई दी थी. हालांकि इसके बाद तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई और उसने अपनी जांच रिपोर्ट में भर्ती के दौरान कई गड़बड़ियां होने की बात अपनी रिपोर्ट में लिखी. नैनीताल हाईकोर्ट में भी इसी रिपोर्ट का हवाला देकर जिला सहकारी बैंकों में हुई भर्ती में गड़बड़ी की बात कही गई.
सहकारी बैंक के अध्यक्ष ने दी क्लीन चिट: यह प्रकरण अभी चर्चाओं में ही है, लेकिन इस बीच राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड के अध्यक्ष दान सिंह रावत ने बड़ा बयान देकर जांच पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. दान सिंह रावत की मानें तो जिलों में चतुर्थ श्रेणी की जो भी भर्तियां की गई हैं, वह शासन के माध्यम से निबंधन को दिए गए निर्देशों के क्रम में ही की गई हैं. इसमें आरक्षण से लेकर सभी प्रक्रिया का पालन किया गया है. यदि दस्तावेजों या किसी व्यक्ति की गलत नियुक्ति हुई है, तो उस पर अलग से कर्रवाई की जा सकती है. उन्होंने कहा कि अब जांच रिपोर्ट के बाद जो कार्रवाई की जानी है, वह सरकार के स्तर पर की जाएगी.
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