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यूसीसी पर कांग्रेस ने धामी सरकार को लिया आड़े हाथ, बोले- ये केंद्र का मामला, केबीसी के 7 करोड़ वाले सवाल जैसा है हाल - उत्तराखंड यूसीसी

Congress takes on Dhami government on UCC issue उत्तराखंड कांग्रेस ने यूसीसी यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड के मामले पर फिर से धामी सरकार को घेरा है. कांग्रेस प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट ने कहा कि जब ये केंद्र का मामला है तो उत्तराखंड सरकार बिना बात उछल कूद कर रही है. बिष्ट ने यूसीसी को कौन बनेगा करोड़पति के 7 करोड़ वाले सवाल जैसा बताया.

Dhami government on UCC issue
उत्तराखंड कांग्रेस यूसीसी

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 14, 2023, 7:01 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में नए साल में समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी लागू हो सकता है. दरअसल 22 जनवरी 2024 के बाद प्रदेश सरकार कभी भी विधानसभा का विशेष सत्र बुला सकती है. इसलिए ऐसी संभावना जताई जा रही है कि नए साल में उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो सकता है.

यूसीसी पर कांग्रेस ने उठाए सवाल: दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी समान नागरिक संहिता को लेकर लगातार सवाल खड़े कर रही है. कांग्रेस पार्टी ने इसे बीजेपी का राजनीतिक एजेंडा बताया है. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने जब से पदभार संभाला है, तब से यानी 2021 से लेकर लगातार यूसीसी को लागू किए जाने की बात की जा रही है. इसका ड्राफ्ट तैयार करने के लिए सरकार ने कमेटी भी गठित की थी लेकिन उस ड्राफ्ट का कहीं अता पता नहीं है.

कांग्रेस ने यूसीसी को केंद्र का मामला बताया: शीशपाल बिष्ट ने इसे केंद्र का मामला बताया है. उन्होंने कहा कि हर बार यह कहा जाता है कि समान नागरिक संहिता लायी जा रही है, लेकिन कब लायी जाएगी यह किसी को पता नहीं. शीशपाल बिष्ट का कहना है कि पब्लिक डोमेन के सामने यदि ड्राफ्ट नहीं होगा और विपक्ष के पास तो सबसे पहले ड्राफ्ट होना चाहिए था, उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार मांग उठा रही है कि आखिर सरकार का यूसीसी को लेकर मसौदा क्या है. किन विषयों पर सरकार एकरूपता चाहती है. लेकिन सरकार इस दिशा में कुछ भी स्पष्ट नहीं कर रही है.

यूसीसी को कौन बनेगा करोड़पति जैसा सवाल बताया: कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इससे लग नहीं रहा कि सरकार समान नागरिक संहिता को लेकर गंभीर है. उन्होंने इसे कौन बनेगा करोड़पति के 7 करोड़ वाले सवाल जैसा बताया. उन्होंने इसे केंद्र का मामला बताते हुए कहा कि जब राज्य सरकार प्रदेश की बाउंड्री के बाहर इसको अप्लाई नहीं कर सकती है तो फिर उस पर यह रस्साकसी क्यों की जा रही है. ऊपर से सरकारी धन का दुरुपयोग क्यों किया जा रहा है.
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