देहरादून:अडानी समूह के शेयरों में अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा एक रिपोर्ट में गौतम अडानी के नेतृत्व वाले समूह में धोखाधड़ी वाले लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई आरोपों के बाद गिरावट आई है. अडानी समूह ने सभी आरोपों को झूठ बताते हुए खारिज कर दिया है. वहीं मामले में अडानी समूह के बहाने कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर है. उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों, मजदूरों, आम नागरिकों के बैंकों में रखा धन सुरक्षित रखने की बिल्कुल भी चिंता नहीं है. वो तो सिर्फ नेताओं की जांच कराने में व्यस्त है.
Adani Crisis: कांग्रेस का आज SBI और LIC दफ्तरों के सामने प्रदर्शन, हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बहाने अडानी पर हमला - dehradun latest news
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के बहाने गौतम अडानी और केन्द्र सरकार पर निशाना साधा. साथ ही उन्होंने मामले को लेकर प्रदर्शन करने की बात कही है. उन्होंने लगातार शेयर गिरने पर अडानी समूह पर निशाना साधते हुए कहा कि आम लोगों का पैसा सुरक्षित नहीं हैं. सरकार मामले को लेकर गंभीर नहीं है.
कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार पर भी निशाना साधा. कांग्रेस के प्रदेश करन माहरा का कहना है कि किस तरह आम जनमानस की निवेश की गई धनराशि को अडानी ग्रुप को सौंप दिया गया. उसके विरोध में 6 फरवरी यानी आज कांग्रेस जन एसबीआई और एलआईसी के समक्ष प्रदर्शन करने जा रही है. उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की स्थिति खराब हो गई है और शेयर लगातार गिरते जा रहे हैं. इससे आम लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं कि उनके खून पसीने की कमाई बह तो नहीं जाएगी. उन्होंने कहा कि अमेरिकी फर्म ने स्पष्ट किया है कि हम अपने स्टैंड पर कायम हैं और जो भी कानूनी कार्रवाई हम पर की जा सकती है कर सकते हैं.
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कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि उन्हें लगता है कि गौतम अडानी ने अपने नेताओं को विश्वास में लेकर यह काम किया है. करन माहरा ने आरोप लगाए कि सरकार ने बैंक और एलआईसी पर दबाव बनाकर अडानी समूह को पैसा दिलवाया और उस धनराशि से अपनी परिसंपत्तियों को औने-पौने दामों पर अडानी को बेचने का काम किया. करन माहरा यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि सरकार तो केवल नेताओं की जांच कराने में मशगूल है और राजनेताओं के घरों पर ईडी और सीबीआई की रेड कराने में व्यस्त है. लेकिन केंद्र सरकार को किसानों, मजदूरों, आम नागरिकों का बैंकों में रखा धन सुरक्षित रखने की बिल्कुल भी चिंता नहीं है.