देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव का रिजल्ट 10 मार्च को आने वाला है. वहीं, मतदान के बाद से ही हर में मंथन का दौर जारी है. वहीं, पिछले कुछ दिनों से प्रदेश कांग्रेस के नेता दिल्ली दरबार में दौड़ लगा रहे हैं. जिससे प्रदेश में कांग्रेस को लेकर नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं. माना जा रहा है कि चुनाव परिणाम आने से पहले ही कांग्रेस में फिर सीएम पद के चेहरे को लेकर लॉबिंग शुरू हो गयी है और इसको लेकर अभी से ही आलाकमान की परिक्रमा भी तेज हो गई है.
इन दिनों उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह समेत कई और बड़े चेहरे दिल्ली दरबार में पार्टी हाईकमान से मुलाकात कर रहे हैं. जिसको लेकर उत्तराखंड राजनीति गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है. माना जा रहा है कि चुनाव परिणाम आने से पहले ही सर्व सहमति से सीएम का चेहरा तय किया जा सकता है. वहीं, कांग्रेस नेताओं के दिल्ली पहुंचने के सिलसिले को लेकर भाजपा ने चुटकी ली है.
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मतगणना से पूर्व कांग्रेसी नेताओं की दिल्ली दौड़ राजनीतिक रणनीति हो सकती है, लेकिन भाजपा कांग्रेस के किसी भी कदम और गतिविधि को भुनाने का मौका नहीं छोड़ना चाहती. लिहाजा, कांग्रेसियों के दिल्ली दौरे पर भाजपा मुखर है. भाजपा का कहना है कि कांग्रेस में अभी से ही सिर फुटव्वल की स्थिति पैदा हो गई है. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रविंद्र जुगरान ने कहा कांग्रेस के बड़े नेता अभी भी उत्तराखंड के नेताओं को लेकर आशंकित हैं कि चुनाव परिणाम से पहले लड़ाई झगड़े ना हो, इसको लेकर सभी को समझाने और मनाने का काम किया जा रहा है, जिससे पता लगता है कि कांग्रेस का कुनबा बिखराव की ओर है.
वहीं, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा हमारे पार्टी के नेता भले ही हाईकमान से मुलाकात करने गए हो, लेकिन भाजपा नेताओं को इससे क्या परेशानी है, लेकिन भाजपा के जो तमाम नेता दिल्ली से उत्तराखंड में व्यूह रचने के लिए पहुंचे हैं, उनका भी संज्ञान लेते तो शायद अच्छा होता. इस बार 2016 जैसी घटना नहीं दोहराई जाएगी, यह भाजपा के नेता साफ तौर पर समझ लें.