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CM धामी ने लोकतंत्र सेनानियों को किया सम्मानित, मानेदय भी बढ़ाया, आश्रितों को भी दी जाएगी पेंशन

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Published : Jun 26, 2023, 4:29 PM IST

Updated : Jun 26, 2023, 5:49 PM IST

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने साल 1975 में आपातकाल लगाया था. जिसे बीजेपी काला दिवस के रूप में मनाती है. ऐसे में बीजेपी आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा में अपना योगदान देने वालों को सम्मानित कर रही है. आज सीएम धामी ने लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित किया. सीएम धामी ने कहा कि उनके आश्रितों को सम्मान पेंशन यानी निधि दी जाएगी.

CM Pushkar Dhami honored democracy fighters
CM धामी ने लोकतंत्र सेनानियों को किया सम्मानित

देहरादूनःमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित किया. इस दौरान सीएम धामी ने सेनानियों के आश्रितों को सम्मान पेंशन देने की बात भी कही. उन्होंने कहा कि इसके लिए शासनादेश भी जारी किया जा चुका है. इसके साथ ही सेनानियों को मिलने वाले मानदेय 16 हजार रुपए से बढ़ाकर 20 हजार रुपए किया गया है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 25 जून 1975 में देश में लगे आपातकाल के दौरान प्रदेश के लोकतंत्र सेनानियों का बड़ा योगदान रहा है. ऐसे में इनके योगदान की सभी को जानकारी हो, इसके लिए व्यवस्था बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों ने जो अपनी मांग पत्र सरकार को सौंपा है, उन मांग पत्र पर सरकार पूरी गंभीरता से काम करेगी.

पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी के साथ सीएम धामी

सीएम धामी ने लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान के बाद कहा कि उन्हें आपातकाल के दौरान भारत के लोकतंत्र की रक्षा करने वाले सेनानियों को सम्मानित करने का मौका मिला. उनके त्याग और बलिदान को देश कभी नहीं भूल सकता है. जब आपातकाल लगाया गया था, उस दौरान आपातकाल का विरोध सिर्फ राजनीतिक लोगों ने नहीं किया, बल्कि उस समय जनता के मन में भी आक्रोश था.

लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित करते सीएम धामी
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मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आम जीवन में लोकतंत्र का क्या अहमियत है? उसका पता तब चलता है, जब कोई लोकतांत्रिक अधिकारों को छीन लेता है. ऐसा ही कुछ 25 जून 1975 को हुआ था. दरअसल, आपातकाल लगाने के बाद देश के लोगों को यही लगने लगा था कि उनका सब कुछ छीन लिया गया.

CM धामी ने लोकतंत्र सेनानियों को किया सम्मानित

उस समय लखनऊ विश्वविद्यालय, बीएचयू और इलाहाबाद विश्वविद्यालय समेत अन्य तमाम विश्वविद्यालयों के छात्रों का संयुक्त संघर्ष मोर्चा बनाया गया. इस मोर्चा को लोकनायक जयप्रकाश नारायण, नानाजी देशमुख और अटल बिहारी वाजपेयी समेत अन्य नेताओं ने अपना समर्थन दिया. जिस संघर्ष का ही परिणाम था कि देश में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना हुई.
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Last Updated : Jun 26, 2023, 5:49 PM IST

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