देहरादून: विधानसभा चुनाव के परिणामों को लेकर लोगों में दिनभर उत्साह रहा. सुबह से ही लोग पल-पल की अपडेट लेते रहे. जैसे ही चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में आने शुरू हुए भाजपा समर्थकों का जश्न का सिलसिला शुरू हो गया. इसी बीच कई जगहों से भाजपाइयों ने जश्न मनाना शुरू भी कर दिया. क्योंकि बीजेपी ने मिथक तोड़ते हुए दोबारा सत्ता हासिल की है. हालांकि इस चुनाव में पुष्कर सिंह धामी, लालकुआं सीट से हरीश रावत, जागेश्वर सीट से गोविंद सिंह कुंजवाल सहित कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा.
सीएम धामी ने जनादेश का स्वागत किया: बीजेपी के बहुमत मिलने पर सीएम धामी ने कहा कि 'उत्तराखंड में BJP को जनता ने दो तिहाई बहुमत दिया है. यह बताता है कि लोगों ने काम को तवज्जो दी है. सीएम धामी ने आगे कहा कि संकल्प पत्र में हमने जो यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में कहा है, उसके लिए हम उच्च स्तरीय कमेटी बनाएंगे. वह कमेटी इसके लिए एक ड्राफ्ट बनाएगी. सीएम धामी ने कहा कि मैं भले सीएम रहूं या ना रहूं, लेकिन प्रदेश में सरकार गठन के साथ ही यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करके तुरंत प्रभाव से लागू किया जाएगा. यूनिफॉर्म सिविल कोड सभी के लिए समान होगा.
हरीश रावत ने हार की ली जिम्मेदारी: वहीं, पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा है कि वह राज्य में कांग्रेस की हार का जिम्मा लेते हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता का दिल जीतने की हमारी कोशिश कुछ कम रह गई. हमें यकीन था कि लोग बदलाव के लिए वोट करेंगे, हमारे प्रयासों में कोई कमी रही होगी. मैं जनादेश को स्वीकार करता हूं और हार की जिम्मेदारी लेता हूं'. उन्होंने आगे कहा कि हमारी अभियान रणनीति अपर्याप्त थी और मैं इसे शिकायत समिति के अध्यक्ष के रूप में स्वीकार करता हूं. लोगों ने बहुत अच्छा काम किया और मैं उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूं. मैं लोगों का विश्वास नहीं जीत सका. लेकिन मैं अपनी बेटी और जीतने वाले सभी उम्मीदवारों को बधाई देना चाहता हूं.
कोठियाल ने जनादेश का स्वागत किया:उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी हार गई है. इस पर AAP के CM फेस प्रत्याशी कर्नल अजय कोठियाल ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा गंगोत्री व उत्तराखंड की जनता द्वारा दिये गए जनादेश को हम तहे दिल से स्वीकार करते हैं. उत्तराखंड विधानसभा के सभी नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों को बधाई. हम आशा करते हैं आने वाली सरकार इस जनादेश का सम्मान कर उत्तराखंड के विकास के लिए काम करेगी.
स्वामी यतीश्वरानंद हारे: प्रदेश की सबसे हॉट सीट हरिद्वार ग्रामीण से कांग्रेस की अनुपमा रावत की ओपनिंग के सामने प्रदेश के सबसे कद्दावर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद बोल्ड हो गए हैं. अनुपमा ने अपने पहले ही चुनाव में 2017 में पिता हरीश रावत की हार का बदला लेने के साथ स्वामी यतीश्वरानंद को हैट्रिक लगाने से रोक दिया. हरिद्वार ग्रामीण सीट पर बेहद ही रोचक मुकाबला रहा. भाजपा के स्वामी यतीश्वरानंद धामी कैबिनेट में सबसे ताकतवर मंत्री रहे. वहीं कांग्रेस ने आखिरी समय में अनुपमा रावत को मैदान में उतारा. अनुपमा रावत को चुनावी प्रचार के लिए वक्त भले ही कम मिला, लेकिन हरीश रावत ने पहले ही सीट पर स्वामी की घेराबंदी कर ली थी. हरीश रावत हरिद्वार ग्रामीण से साल 2017 में यतीश्वरानंद से चुनाव हार गए थे.
गोविंद सिंह कुंजवाल हारे:अल्मोड़ जिले के अंतर्गत आने वाली जागेश्वर विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी मोहन सिंह मेहरा ने कांग्रेस के दिग्गज नेता गोविंद सिंह कुंजवाल को करारी शिकस्त दी है. इस सीट पर कांग्रेस के गोविंद सिंह कुंजवाल का नाम इसलिए भी चर्चित हैं. क्योंकि साल 2002 से कुंजवाल का ही इस सीट पर कब्जा है. कांग्रेस सरकार में वह हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका में रहे हैं. सबसे ज्यादा वे उस समय चर्चा में रहे जब हरीश रावत सरकार में 2016 में राष्ट्रपति शासन लगा. कुंजवाल इस समय विधानसभा अध्यक्ष थे और पूरे देश की नजरें उन पर थीं. कुंजवाल के कारण ही इस सीट को वीआईपी कहा जाता रहा.
नैनीताल से हारे संजीव आर्य:नैनीताल आरक्षित सीट से भाजपा की सरिता आर्य ने जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया है. सरिता ने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी संजीव आर्य को पराजित कर पिछली हार का बदला भी ले लिया है. जीत के बाद अब सरिता ने बड़ी सियासी उड़ान भरी है तो संजीव के सियासी भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं. विधानसभा चुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद कांग्रेस ने निवर्तमान विधायक संजीव आर्य को टिकट थमाया तो एकाएक सरिता ने पाला बदल कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की और पार्टी ने तीन दावेदारों दिनेश आर्य, मोहन पाल, अम्बा आर्य आदि को दरकिनार कर सरिता आर्य को प्रत्याशी घोषित कर दिया था. दावेदारों ने विरोध में पार्टी छोड़ने की धमकी भी दी, बाद में पार्टी ने उन्हें मना लिया था.
डीडीहाट से जीते चुफाल:पिथौरागढ़ की डीडीहाट सीट से बीजेपी के दिग्गज नेता बिशन सिंह चुफाल जीत गए हैं. कुल मिलाकर बिशन सिंह चुफाल इस सीट पर 6वीं बार जीत दर्ज की है.
रायपुर सीट काऊ जीतेः देहरादून की रायपुर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी उमेश शर्मा 'काऊ' ने जीत दर्ज की है. उमेश शर्मा काऊ ने कांग्रेस प्रत्याशी हीरा सिंह बिष्ट को शिकस्त दी है. उमेश शर्मा रायपुर सीट से सीटिंग विधायक हैं.
मसूरी से गणेश जोशी जीतेःदेहरादून की मसूरी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी व कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने जीत दर्ज की है. गणेश जोशी ने सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गोदावरी थापली को हराया है. गणेश जोशी ने चौथी बार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की है. 2007 से गणेश जोशी लगातार जीतते आ रहे हैं.
ऋषिकेश से प्रेमचंद अग्रवाल जीतेः देहरादून की ऋषिकेश विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने जीत दर्ज की है. प्रेमचंद अग्रवाल ने कांग्रेस प्रत्याशी जयेंद्र चंद्र रमोला को हराया है. प्रेमचंद अग्रवाल ऋषिकेश सीट से चौथी बार विधायक चुने गए हैं. अग्रवाल ने रमोला को 19068 वोटों से हराया. इसके साथ ही उन्होंने लगाचार चार बार जीतने का मिथक भी तोड़ दिया है. ऋषिकेश में किसी भी चुनाव में लगातार तीन बार का जीता प्रत्याशी चौथी बार जीत दर्ज असफल रहा है.