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Election 2022: उत्तराखंड की सियासत के ये दिग्गज, 2022 के चुनाव में हुए ढेर

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Published : Mar 10, 2022, 10:27 AM IST

Updated : Mar 10, 2022, 7:50 PM IST

उत्तराखंड में बीजेपी ने मिथक तोड़ते हुए दोबारा सत्ता हासिल की है. हालांकि इस चुनाव में पुष्कर सिंह धामी, लालकुआं सीट से हरीश रावत, जागेश्वर सीट से गोविंद सिंह कुंजवाल सहित कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा.

Uttarakhand Voting 2022
कैबिनेट मंत्रियों की बढ़ी धुकधुकी

देहरादून: विधानसभा चुनाव के परिणामों को लेकर लोगों में दिनभर उत्साह रहा. सुबह से ही लोग पल-पल की अपडेट लेते रहे. जैसे ही चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में आने शुरू हुए भाजपा समर्थकों का जश्न का सिलसिला शुरू हो गया. इसी बीच कई जगहों से भाजपाइयों ने जश्न मनाना शुरू भी कर दिया. क्योंकि बीजेपी ने मिथक तोड़ते हुए दोबारा सत्ता हासिल की है. हालांकि इस चुनाव में पुष्कर सिंह धामी, लालकुआं सीट से हरीश रावत, जागेश्वर सीट से गोविंद सिंह कुंजवाल सहित कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा.

सीएम धामी ने जनादेश का स्वागत किया: बीजेपी के बहुमत मिलने पर सीएम धामी ने कहा कि 'उत्तराखंड में BJP को जनता ने दो तिहाई बहुमत दिया है. यह बताता है कि लोगों ने काम को तवज्जो दी है. सीएम धामी ने आगे कहा कि संकल्प पत्र में हमने जो यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में कहा है, उसके लिए हम उच्च स्तरीय कमेटी बनाएंगे. वह कमेटी इसके लिए एक ड्राफ्ट बनाएगी. सीएम धामी ने कहा कि मैं भले सीएम रहूं या ना रहूं, लेकिन प्रदेश में सरकार गठन के साथ ही यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करके तुरंत प्रभाव से लागू किया जाएगा. यूनिफॉर्म सिविल कोड सभी के लिए समान होगा.

हरीश रावत ने हार की ली जिम्मेदारी: वहीं, पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा है कि वह राज्य में कांग्रेस की हार का जिम्मा लेते हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता का दिल जीतने की हमारी कोशिश कुछ कम रह गई. हमें यकीन था कि लोग बदलाव के लिए वोट करेंगे, हमारे प्रयासों में कोई कमी रही होगी. मैं जनादेश को स्वीकार करता हूं और हार की जिम्मेदारी लेता हूं'. उन्होंने आगे कहा कि हमारी अभियान रणनीति अपर्याप्त थी और मैं इसे शिकायत समिति के अध्यक्ष के रूप में स्वीकार करता हूं. लोगों ने बहुत अच्छा काम किया और मैं उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूं. मैं लोगों का विश्वास नहीं जीत सका. लेकिन मैं अपनी बेटी और जीतने वाले सभी उम्मीदवारों को बधाई देना चाहता हूं.

कोठियाल ने जनादेश का स्वागत किया:उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी हार गई है. इस पर AAP के CM फेस प्रत्याशी कर्नल अजय कोठियाल ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा गंगोत्री व उत्तराखंड की जनता द्वारा दिये गए जनादेश को हम तहे दिल से स्वीकार करते हैं. उत्तराखंड विधानसभा के सभी नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों को बधाई. हम आशा करते हैं आने वाली सरकार इस जनादेश का सम्मान कर उत्तराखंड के विकास के लिए काम करेगी.

स्वामी यतीश्वरानंद हारे: प्रदेश की सबसे हॉट सीट हरिद्वार ग्रामीण से कांग्रेस की अनुपमा रावत की ओपनिंग के सामने प्रदेश के सबसे कद्दावर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद बोल्ड हो गए हैं. अनुपमा ने अपने पहले ही चुनाव में 2017 में पिता हरीश रावत की हार का बदला लेने के साथ स्वामी यतीश्वरानंद को हैट्रिक लगाने से रोक दिया. हरिद्वार ग्रामीण सीट पर बेहद ही रोचक मुकाबला रहा. भाजपा के स्वामी यतीश्वरानंद धामी कैबिनेट में सबसे ताकतवर मंत्री रहे. वहीं कांग्रेस ने आखिरी समय में अनुपमा रावत को मैदान में उतारा. अनुपमा रावत को चुनावी प्रचार के लिए वक्त भले ही कम मिला, लेकिन हरीश रावत ने पहले ही सीट पर स्वामी की घेराबंदी कर ली थी. हरीश रावत हरिद्वार ग्रामीण से साल 2017 में यतीश्वरानंद से चुनाव हार गए थे.

गोविंद सिंह कुंजवाल हारे:अल्मोड़ जिले के अंतर्गत आने वाली जागेश्वर विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी मोहन सिंह मेहरा ने कांग्रेस के दिग्गज नेता गोविंद सिंह कुंजवाल को करारी शिकस्त दी है. इस सीट पर कांग्रेस के गोविंद सिंह कुंजवाल का नाम इसलिए भी चर्चित हैं. क्योंकि साल 2002 से कुंजवाल का ही इस सीट पर कब्जा है. कांग्रेस सरकार में वह हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका में रहे हैं. सबसे ज्यादा वे उस समय चर्चा में रहे जब हरीश रावत सरकार में 2016 में राष्ट्रपति शासन लगा. कुंजवाल इस समय विधानसभा अध्यक्ष थे और पूरे देश की नजरें उन पर थीं. कुंजवाल के कारण ही इस सीट को वीआईपी कहा जाता रहा.

नैनीताल से हारे संजीव आर्य:नैनीताल आरक्षित सीट से भाजपा की सरिता आर्य ने जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया है. सरिता ने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी संजीव आर्य को पराजित कर पिछली हार का बदला भी ले लिया है. जीत के बाद अब सरिता ने बड़ी सियासी उड़ान भरी है तो संजीव के सियासी भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं. विधानसभा चुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद कांग्रेस ने निवर्तमान विधायक संजीव आर्य को टिकट थमाया तो एकाएक सरिता ने पाला बदल कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की और पार्टी ने तीन दावेदारों दिनेश आर्य, मोहन पाल, अम्बा आर्य आदि को दरकिनार कर सरिता आर्य को प्रत्याशी घोषित कर दिया था. दावेदारों ने विरोध में पार्टी छोड़ने की धमकी भी दी, बाद में पार्टी ने उन्हें मना लिया था.

डीडीहाट से जीते चुफाल:पिथौरागढ़ की डीडीहाट सीट से बीजेपी के दिग्गज नेता बिशन सिंह चुफाल जीत गए हैं. कुल म‍िलाकर ब‍िशन स‍िंह चुफाल इस सीट पर 6वीं बार जीत दर्ज की है.

रायपुर सीट काऊ जीतेः देहरादून की रायपुर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी उमेश शर्मा 'काऊ' ने जीत दर्ज की है. उमेश शर्मा काऊ ने कांग्रेस प्रत्याशी हीरा सिंह बिष्ट को शिकस्त दी है. उमेश शर्मा रायपुर सीट से सीटिंग विधायक हैं.

मसूरी से गणेश जोशी जीतेःदेहरादून की मसूरी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी व कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने जीत दर्ज की है. गणेश जोशी ने सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गोदावरी थापली को हराया है. गणेश जोशी ने चौथी बार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की है. 2007 से गणेश जोशी लगातार जीतते आ रहे हैं.

ऋषिकेश से प्रेमचंद अग्रवाल जीतेः देहरादून की ऋषिकेश विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने जीत दर्ज की है. प्रेमचंद अग्रवाल ने कांग्रेस प्रत्याशी जयेंद्र चंद्र रमोला को हराया है. प्रेमचंद अग्रवाल ऋषिकेश सीट से चौथी बार विधायक चुने गए हैं. अग्रवाल ने रमोला को 19068 वोटों से हराया. इसके साथ ही उन्होंने लगाचार चार बार जीतने का मिथक भी तोड़ दिया है. ऋषिकेश में किसी भी चुनाव में लगातार तीन बार का जीता प्रत्याशी चौथी बार जीत दर्ज असफल रहा है.

गदरपुर से अरविंद पांडे जीतेःउधमसिंह नगर की गदरपुर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी व धामी सरकार में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने जीत दर्ज कर ली है. अरविंद पांडे ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमानंद महाजन को करारी शिकस्त दी है. इसके साथ ही अरविंद पांडे से शिक्षा मंत्री से जुड़ा मिथक भी अपनी जीत से तोड़ दिया है. उत्तराखंड में मिथक रहा है कि शिक्षा मंत्री अपना अगला विधानसभा चुनाव हमेशा हारता है.

बाजपुर से यशपाल आर्यःउधमसिंह नगर की ही बाजपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने जीत कर ली है. यशपाल आर्य ने भाजपा प्रत्याशी राजेश कुमार को हरा दिया है. बाजपुर विधानसभा सीट पर 2017 के चुनाव में यशपाल आर्य ने जीत दर्ज की थी. हालांकि उस दौरान वह भाजपा में थे. चुनाव से पहले ही उन्होंने अपने बेटे संजीव आर्य के साथ भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थामा था.

कैंट से सविता कपूरःदेहरादून जिले की कैंट विधानसभा सीट एक बार फिर भाजपा के खाते में चली गई है. कैंट सीट से सविता कपूर ने जीत दर्ज की है. कैंट सीट पर कांग्रेस ने सूर्यकांत धस्माना पर दांव खेला था. सूर्यकांत धस्माना कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. वहीं सविता कपूर पूर्व विधायक स्व. हरबंस कपूर की पत्नी हैं. कैंट सीट 4 बार विधानसभा चुनाव में भाजपा के खाते में ही रही है. हरबंस कपूर के निधन के बाद भाजपा ने उनकी पत्नी सविता कपूर को प्रत्याशी बनाया था.

टिहरी से किशोर उपाध्याय जीतेःटिहरी जिले की टिहरी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी किशोर उपाध्याय ने जीत हासिल कर ली है. किशोर उपाध्याय ने कांग्रेस प्रत्याशी धन सिंह नेगी को चुनावी मैदान में पटखनी दी है. इसके साथ ही टिहरी सीट पर उजपा से दिनेश धनै भी लड़ रहे थे. किशोर उपाध्याय ने मतदान से कुछ घंटे पहले ही भाजपा ज्वाइन की थी. वहीं, धन सिंह नेगी ने भाजपा से टिकट न मिलने पर कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी. धन सिंह नेगी टिहरी सीट से सीटिंग विधायक हैं.

कालाढूंगी से बंशीधर भगत जीतेःनैनीताल की कालाढूंगी विधानसभा सीट से कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत ने जीत दर्ज की है. उन्होंने कांग्रेस के महेश चंद्र को शिकस्त दी है. बंशीधर भगत इस सीट से सीटिंग विधायक हैं. कालाढूंगी विधानसभा सीट 2012 में अस्तित्व में आई. इस सीट पर दो बार अब तक विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. दोनों बार बंशीधर भगत ने चुनाव जीता है. 2012 के विधानसभा चुनाव में बंशीधर भगत विधायक बने. 2017 के विधानसभा चुनाव में बंशीधर भगत विधानसभा पहुंचे.

विकासनगर से मुन्ना सिंह चौहान जीतेः देहरादून की विकासनगर विधानसभा सीट से भाजपा के सीटिंग विधायक और प्रत्याशी मुन्ना सिंह चौहान ने एक बार फिर जीत हासिल की है. 2017 के चुनाव में भी मुन्ना सिंह चौहान ने जीत दर्ज की थी. इस सीट पर उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी नवप्रभात को दूसरी बार हराया है. 2017 के चुनाव में भी मुन्ना सिंह चौहान ने नवप्रभात को पटखनी दी थी.

राजपुर से खजान दास जीतेःदेहरादून की राजपुर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी खजान दास ने जीत दर्ज की है. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार को शिकस्त दी है. 2017 के विधानसभा चुनाव में राजपुर रोड से भाजपा के खजान दास 36,601 वोट प्राप्त करके विधायक बने थे. कांग्रेस के राजकुमार 27,969 वोट लेकर दूसरे नंबर पर थे. खजान दास भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं.


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इन मंत्रियों के पास अहम विभाग:पुष्कर सिंह धामी, सीएम ने अपने पास मंत्रीपरिषद, कार्मिक, सतर्कता-सुराज-भ्रष्टाचार उन्मूलन एवं जनसेवा, गृह, राजसंपत्ति, राजस्व, न्याय, सूचना, तकनीकी शिक्षा, नागरिक उड्डयन, वित्त, नियोजन, सचिवालय प्रशासन, सामान्य प्रशासन, औद्योगिक विकास(खनन) भी रखे हुए थे. जिन्हें काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. वहीं सतपाल महाराज की बात करें तो उनके पास सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, लघु सिंचाई, जलागम प्रबंधन, भारत-नेपाल उत्तराखंड नदी परियोजनाएं, पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मस्व, लोक निर्माण विभाग रहा.

बंशीधर भगत के पास विधायी एवं संसदीय कार्य, खाद्य नागरिक आपूर्ति, शहरी विकास, आवास, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग थे. बिशन सिंह चुफाल के पासपेयजल, वर्षा जल संग्रहण, ग्रामीण निर्माण, जनगणना विभाग है. सुबोध उनियाल के पास कृषि, कृषि शिक्षा, कृषि विपणन, उद्यान एवं कृषि प्रसंस्करण, उद्यान एवं फलोद्योग, रेशम विकास, जैव प्रौद्योगिकी हैं. वहीं अरविंद पांडेय की बात करें तो उनके पासविद्यालयी शिक्षा-बेसिक व माध्यमिक, खेल, युवा कल्याण, पंचायती राज, संस्कृत शिक्षा विभाग है.

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गणेश जोशी के पाससैनिक कल्याण, औद्योगिक विकास, लघु-सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग हैं. डॉ. धन सिंह रावत के पास सहकारिता, प्रोटोकाल, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, उच्च शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा हैं. रेखा आर्य की बात करें तो उनके पास महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, पशुपालन, दुग्ध विकास, मत्स्य पालन विभाग है. जबकि यतीश्वरानंद के पास भाषा, पुनर्गठन, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, ग्राम्य विकास विभाग है.वहीं धामी सरकार में हरक सिंह रावत और यशपाल आर्य भी कैबिनेट थे, चुनाव से इन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था.

Last Updated : Mar 10, 2022, 7:50 PM IST

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