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धामी सरकार पर नौकरशाही भारी, निर्णय के बावजूद शासनादेश में कोताही, जिम्मेदार कौन? - uttarakhand bureaucrats are not issuing government order

धामी सरकार के फैसलों पर नौकरशाहों का रवैया भारी पर रहा है. सीएम धामी और कैबिनेट के फैसलों के बावजूद अधिकारी शासनादेश जारी नहीं कर रहे हैं. जिसकी वजह से आम जनता के साथ-साथ कैबिनेट मंत्री भी इससे परेशान हैं.

uttarakhand bureaucrats are not issuing government order
धामी सरकार पर नौकरशाही भारी

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Published : Dec 11, 2021, 4:16 PM IST

Updated : Dec 11, 2021, 5:13 PM IST

देहरादून: धामी सरकार (Dhami government) के फैसलों पर अधिकारी निर्णय लेने में गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं. ऐसा उन मामलों को देख कर लगता है, जिन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) या तो कैबिनेट की तरफ से निर्णय लिए गए, लेकिन इन पर अबतक शासनादेश नहीं हो पाया है. ऐसे में सरकार के मंत्री भी इन परिस्थितियों में खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं.

उत्तराखंड में पिछले कुछ समय में कैबिनेट के फैसलों पर शासनादेश जारी नहीं (Mandate not issued on cabinet decisions) हो रहा है. जिससे न केवल संबंधित अधिकारी, कर्मचारी और युवा परेशान हैं. बल्कि मंत्रियों को भी इस मामले में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, कैबिनेट में फैसले होने के बावजूद उन पर शासनादेश नहीं हो पा रहा है.

धामी सरकार पर नौकरशाही भारी!

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ऐसे कई मामले हैं, जिन पर शासन स्तर से अड़ंगा डाला जा रहा है और इससे विभागीय मंत्री भी परेशान दिख रहे हैं. अतिथि शिक्षकों के मामले में तो कैबिनेट को दो अलग-अलग बार अपनी मुहर लगानी पड़ी. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में छात्रों की फीस कम करने को लेकर फैसला होने के बावजूद उस पर आदेश नहीं हो पाया है.

इस मामले को लेकर कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत (Cabinet Minister Harak Singh Rawat) कहते हैं कि ऐसे कई मामले आए हैं, जिस पर निर्णय लेने में देरी हो रही है. इस कारण से लोगों को भी दिक्कतें आ रही हैं. इसको लेकर मुख्यमंत्री से भी बातचीत की गई है और कैबिनेट में भी फैसला होने के बाद जल्द उसके आदेश करने के लिए कहा गया है.

इन परिस्थितियों को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमलावर (congress attacks on government) दिख रही है. केदारनाथ विधायक मनोज रावत (Kedarnath MLA Manoj Rawat) कहते हैं कि यह सरकार चला चली की है. अब ऐसी स्थिति में नौकरशाह सरकार की बात नहीं मान रहे हैं. सरकार भी इस मामले को लेकर कुछ खास गंभीर नहीं दिखाई देती, जिसका असर सीधे तौर पर आम जनता पर पड़ रहा है.

Last Updated : Dec 11, 2021, 5:13 PM IST

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