आखिर में अपने सांसदों को हांक रही बीजेपी. देहरादूनःउत्तराखंड में बीजेपी अपने सांसदों को लेकर सक्रिय हो गई है. लगातार सांसदों को लेकर कार्यक्रम बनाए जा रहे हैं. इसके तहत सांसदों को जनहित कल्याणकारी योजनाओं को लेकर जनता की बीच भेजने की तैयारी की जा रही है. जिस पर विपक्ष ने सांसदों के 4 साल के कार्यकाल पर सवाल खड़े किए हैं.
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर उत्तराखंड में बीजेपी अब एक्टिव मोड में नजर आ रही है. जिसे लेकर अब बीजेपी अपने मौजूदा सांसदों को प्रोजेक्ट करने की प्लानिंग कर रही है. बीजेपी ने आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए सभी 70 विधानसभाओं के लिए सांसदों के कार्यक्रमों का प्लान तैयार किया है. बताया जा रहा है कि बीजेपी सभी सांसदों के नेतृत्व में पूरे राज्य में जन संवाद यात्रा शुरू करने जा रही है. इस दौरान बीजेपी अपने सांसदों को प्रोजेक्ट करेगी और 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी तैयारी करेगी.
बीजेपी प्रवक्ता विनोद सुयाल ने बताया कि पिछले चुनाव में पार्टी के विश्लेषण में 25 ऐसे बूथ चिन्हित किए गए हैं. जहां पर पार्टी को मेहनत की जरूरत है. यानी इन बूथों पर पिछले चुनाव में पार्टी पीछे रही थी. यहां पार्टी का वोट प्रतिशत कम रहा था. इसके अलावा सांसदों को पूरे प्रदेश भर में प्रदेश की जनहित कल्याणकारी योजनाओं को लेकर जनता के बीच में भेजा जाएगा. बीजेपी भले इसे पार्टी का रूटीन कार्यक्रम बता रही है, लेकिन कांग्रेस ने सीधे तौर से आरोप लगाया है कि बीजेपी अब अपने सांसदों को हांक रही है.
ये भी पढ़ेंःभगत दा की नसीहत से गरमाई उत्तराखंड की राजनीति, हावी अफरशाही पर BJP की भी हामी!
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि पिछले 4 सालों से बीजेपी के सभी सांसद गायब थे. उन्होंने उत्तराखंड में मौजूद बीजेपी के सभी सांसदों पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की तमाम योजनाएं प्रदेश में हवा हो गई है. पिछले 4 सालों से सांसदों ने जो गांव गोद लिए थे, उनका कुछ पता नहीं है. इसके अलावा सांसदों के पिछले 4 साल की क्या उपलब्धि है? यह बताने में सरकार विफल है. अब जब आखिरी साल चुनाव का है, तब बीजेपी अपने सांसदों को मैदान में हांक रही है.
उनके साथ सांसदों की कोई उपलब्धि नहीं है तो बल्कि, बीजेपी अपना प्रोपेगेंडा फैला रही है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि बीजेपी के पास गरीब और आम जनता से जुड़े कोई मुद्दे नहीं है. बीजेपी केवल सांप्रदायिक मुद्दों पर अपनी रणनीति तैयार करती है और उसी के दम पर चुनाव जीतने की तैयारी करती है.