देहरादूनःउत्तराखंडविधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी ने प्रचंड जीत के साथ सरकार तो बना दी है, लेकिन इस चुनाव में पार्टी को 23 सीटों पर हार का मुंह भी देखना पड़ा. यहां तक कि खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी अपनी सीट हार बैठे. उत्तराखंड बीजेपी में पहले से ही भितरघात की खबरें सामने आती रही हैं, लेकिन अब बीजेपी को भितरघात के सुबूत भी मिले हैं. लिहाजा, अब राष्ट्रीय पदाधिकारी पड़ताल करेंगे. साथ ही भितरघातियों पर पार्टी बड़ी कार्रवाई भी कर सकती है.
बता दें कि सरकार गठन के तत्काल बाद बीजेपी प्रदेश संगठन ने हार की समीक्षा के लिए अलग-अलग पदाधिकारियों को नियुक्त किया और हारी हुई विधानसभा सीटों में भेजा. जिसके बाद लगभग सभी समीक्षा अधिकारी हार के कारणों की रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश संगठन को सौंप चुके हैं. बचे हुए लोग आजकल में रिपोर्ट प्रदेश संगठन को सौंप देंगे. वहीं, इसके बाद रिपोर्ट अनुशासन समिति को भेजी जाएगी.
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दरअसल, बीती 29 मार्च से बीजेपी ने हारी हुई 23 सीटों पर समीक्षा करवाई थी. इस समीक्षा के दौरान पदाधिकारियों ने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. पार्टी सूत्रों की मानें तो कई सीटों पर संवादहीनता और ध्रुवीकरण सामने आया है तो कई सीटों पर विपक्षी प्रत्याशियों को समर्थन बताया जा रहा है.
इस सब की रिपोर्ट प्रदेश संगठन के पास कल तक पूरी आ जाएगी. उसके बाद चार अप्रैल को बीजेपी संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष भी देहरादून आ रहे हैं. जो कि इन सब रिपोर्ट पर अलग-अलग बैठकों में पार्टी की हारी हुई सीटों की पड़ताल करेंगे. सूत्रों की मानें तो सीएम की खटीमा सीट पर संवादहीनता की बातें सामने आई है.
गौर हो कि उत्तराखंडविधानसभा चुनाव 2022 में यमुनोत्री, भगवानपुर, खानपुर और मंगलौर जैसी अहम सीटों पर बीजेपी प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहे. कई सीटों पर पार्टी को 10 से 15 हजार के अंतर से हार झेलनी पड़ी. इनमें मुख्यतः हरिद्वार जिले की सीटें हैं, जिसमें पिरान कलियर जैसी सीट बीजेपी 15,743 के बड़े अंतर से हार गई. इसके साथ ही ज्वालापुर सीट पर 13,343, नानकमत्ता सीट पर 13,020 वोटों से हार झेलनी पड़ी.
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खुद सीएम पुष्कर सिंह धामी को 6579 और उनके दोस्त पूर्व काबीना मंत्री यतीश्वरानंद को भी 4472 मतों के अंतर से हार का मुंह देखना पड़ा. पार्टी सूत्रों की मानें तो सभी प्रकार की पड़ताल के बाद बीजेपी अनुशासन समिति दोषी पाए जाने वाले पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं पर बड़ी कार्रवाई कर सकती है. क्योंकि बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव और आगामी नगर निकाय के चुनावों में किसी भी प्रकार की गलती नहीं दोहराना चाहती है.
बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में जहां बीजेपी प्रदेश में 47 सीटों पर जीत दर्ज कर बहुमत में आई. वहीं 2017 के मुकाबले पार्टी को 10 सीटों का नुकसान भी झेलना पड़ा. जहां 2017 में पार्टी का मत प्रतिशत 46.51 प्रतिशत था तो वो 2022 में घटकर 44.34 प्रतिशत रहा.