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ND के बेटे रोहित शेखर के परिजनों से मिलने नहीं पहुंचा कोई, अब पेश की सफाई

लोकसभा चुनाव की वजह से उत्तराखंड बीजेपी और कांग्रेस नहीं पहुंची रोहित शेखर के परिवार से मिलने. दोनों प्रमुख पार्टियों को दिवंगत रोहित के परिवार को सांत्वना देने का नहीं मिला समय.

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Published : Apr 23, 2019, 1:14 PM IST

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देहरादून: उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के पूर्व CM नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी के निधन को एक हफ्ता बीत गया है. बावजूद इसके उत्तराखंड की दोनों प्रमुख पार्टी कांग्रेस और बीजेपी के प्रदेश संगठन का कोई भी पदाधिकारी रोहित के परिवार से मिलने नहीं पहुंचा. कांग्रेस के कद्दावर नेता एनडी तिवारी और बीजेपी कार्यकर्ता रोहित शेखर के परिजनों से अबतक मुलाकात न करने के बाद अब दोनों पार्टियों के नेता सफाई देते नजर आ रहे हैं.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एनडी तिवारी का पूरा जीवन काल कांग्रेस पार्टी में ही बीता. उनके पुत्र रोहित शेखर तिवारी ने साल 2017 में बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की थी. बावजूद इसके दोनों पार्टियों के नेता लोकसभा चुनाव में इतने व्यस्त हो गए कि पूर्व CM एनडी तिवारी के परिजनों से मुलाकात करना भी जरूरी नहीं समझा.

रोहित शेखर को लेकर बयान देते कांग्रेस के प्रवक्ता और बीजेपी के महामंत्री.

प्रदेश के किसी भी नेता का रोहित तिवारी के परिजनों से न मिलने के सवाल पर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने सफाई देते हुए कहा कि हमारा समस्त प्रदेश नेतृत्व अन्य राज्यों में लोकसभा चुनाव की वजह से गया है. जैसे ही लोकसभा चुनाव से फुर्सत मिलेगी तब सबसे पहले पूर्व सीएम एनडी तिवारी के परिजनों के साथ अपनी संवेदनाएं व्यक्त करने जाएंगे.

वहीं बीजेपी प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल ने भी लोकसभा चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि इस समय चुनावी गतिविधियों में प्रदेश के सभी बड़े नेता अन्य राज्यों में व्यस्त हैं. समय मिलते ही रोहित के परिजनों से मुलाकात करने के लिए नेता जाएंगे. उन्होंने कहा कि रोहित शेखर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कर रहे थे. अंतिम दिनों में रोहित शेखर की सद्भावना बीजेपी के साथ थी. इसी दौरान उनके साथ ये सब हो गया जो बेहद दु:खद है.

बता दें कि 16 अप्रैल को पूर्व सीएम एनडी तिवारी के पुत्र रोहित शेखर तिवारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. तमाम नेता एनडी तिवारी के घर सांत्वना देने पहुंचे लेकिन उत्तराखंड के कांग्रेस और बीजेपी के प्रदेश संगठन का कोई भी नेता उनके घर नहीं पहुंचा.

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