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माफिया डॉन ने उत्तराखंड को बनाया ठिकाना, देशभर के गैंगस्‍टर ले रहे पनाह !

उत्तराखंड बदमाशों के लिए पनाहगाह बनता जा रहा है. इसी वजह से उत्तर भारत के तमाम राज्यों के कुख्यात बदमाशों का यहां आना जाना लगा हुआ है. ऐसे में शरण लेने वाले बदमाशों की समय-समय पर पुलिस और एसटीएफ से मुठभेड़ भी होती रहती है. उत्तराखंड पुलिस इसे एक बड़ी चुनौती के रूप में मानती है.

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Published : May 31, 2022, 9:04 PM IST

Updated : Jun 1, 2022, 7:30 AM IST

देहरादून:शांत वादियों के लिए जाना जाने वाला उत्तराखंड अपराधियों की पनाहगाह बनता जा रहा है. उत्तर भारत के कई बड़े अपराधी पुलिस से अपनी जान बचाने के लिए उत्तराखंड में डेरा डाल लेते हैं. पंजाब के मशहूर गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या मामले में भी कुछ संदिग्ध आरोपियों को पंजाब पुलिस ने उत्तराखंड से गिरफ्तार किया था.

अक्सर देखने में आया है कि यूपी समेत अन्य राज्यों के बड़े अपराधी उत्तराखंड में न सिर्फ छुपे हुए बैठे रहते हैं, बल्कि यहीं से अपना गैंग भी चलाते हैं. जम्मू-कश्मीर के भी कई युवा उत्तराखंड में पढ़ाई करते हुए आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं. उनका कनेक्शन किसी न किसी तरह से आतंकी संगठनों से निकला है, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

कुख्‍यात अपराधियों की पनाहगाह बना उत्तराखंड
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खालिस्तान आतंकियों ने ली शरण: साल 2014 में पंजाब की नाभा जेल से आतंकियों को फरार कराने वाला मुख्य आरोपी परमिंदर उर्फ पम्मा का ठिकान भी देहरादून था. उसने देहरादून के रायपुर थाना क्षेत्र में भवन किराए पर लेकर ले रखा था, जहां पर कई लोग रहे थे. पंजाब पुलिस की इनपुट पर देहरादून पुलिस ने उसे देहरादून से गिरफ्तार किया था.

इससे पहले 2012 में यूपी पुलिस से बचने के लिए कुख्यात अमित उर्फ भूरा ने उत्तराखंड में शरण ली थी. उत्तराखंड पुलिस को जैसे ही अमित के बारे में पता चला और उसके नेटवर्क को तोड़ने की प्रयास किया तो अमित ने पंजाब (पटियाला) में शरण ले ली. हालांकि यहां भी वो पुलिस से बच नहीं पाया और पुलिस गिरफ्तार कर लिया. उत्तर प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड के वांटेड अमित उर्फ भूरा पर 12 लाख का इनाम था.
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सुशील राठी, चीनू पंडित और सुनील मूंछ जैसे कई बड़े अपराधी हैं, जिन्होंने उत्तराखंड में डेरा डाला हुआ था, लेकिन आज वे सलाखों के पीछे हैं. ताजा मामला पंजाब सिंगर सिद्धू हत्याकांड से जुड़ा है. सिद्धू हत्याकांड के आरोपियों को भी उत्तराखंड एसटीएफ ने देहरादून से गिरफ्तार किया था. उत्तराखंड एसटीएफ को इन आरोपियों के बारे में पंजाब पुलिस ने इनपुट मिला था. उत्तराखंड एसटीएफ ने बताया कि सिद्धू हत्याकांड में जिन 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, वे सभी हेमकुंड साहिब यात्रा के बहाने उत्तराखंड में आए थे.

सभी पर नजर रखना मुश्किल: उत्तराखंड एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि बड़ी वारदातों को अंजाम देने के बाद अपराधी उस राज्य को छोड़कर पड़ोसी राज्यों में पनाह लेने आ जाते हैं. उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश है, यहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे है. ऐसे में सभी पर नजर रखना मुमकिन नहीं है. इसी का फायदा उठाकर यूपी और अन्य राज्यों को बड़े अपराधी उत्तराखंड में शरण लेने आ जाते हैं. हालांकि वो यहां ज्यादा दिनों तक छुप नहीं पाते हैं और इंटेलिजेंस से मिले इनपुट के आधार पर गिरफ्तार कर लिया जाता है.
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पुलिस के लिए बड़ी चुनौती:उत्तराखंड जिस तरह से बाहरी राज्यों के अपराधियों की पनाहगाह बनता जा रहा है. इसे पुलिस एक बड़ी चुनौती मानती है. क्योंकि ये आपराधी लगातार अपनी लोकेशन बदलते रहते हैं. ऐसे में इन्हें ट्रेस कर पाना भी आसान नहीं होता है. हालांकि पुलिस की मुस्तैदी के चलते ये अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाते.

कुछ पुराने केसों पर एक नजर: साल 2014 में पंजाब के इनामी बदमाशों की रुद्रपुर में शरण लेने की सूचना पर पंजाब पुलिस पहुंची थी. जब पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी तो उन्होंने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी थी. बदमाशों के हौसले इतने बुलंद थे कि दिनदहाड़े वह काशीपुर बाईपास रोड होते हुए गदरपुर की ओर फायरिंग करते हुए फरार हो गए थे.

इसके अलावा साल 2015 में उधमसिंह नगर जिले के ट्रांजिट कैंप के शास्त्रीनगर में यूपी की मुरादाबाद पुलिस ने एक घर में 50 हजार के इनामी बदमाश की धरपकड़ को दबिश दी. पुलिस की दबिश देते ही एक बदमाश भाग निकला. इस पर पुलिसकर्मियों ने उसका पीछा कर दबोच लिया. बाद में उसकी निशानदेही पर पुलिस ने एके-47 बरामद की थी.

साल 2017 में कांग्रेसी नेता किरण सरदार की हत्या करने के लिए बिहार और छत्तीसगढ़ से भाड़े के शूटर आए थे. इस दौरान वह कई दिनों तक ट्रांजिट कैंप में किराए में रहकर रेकी करते रहे. मौका मिलते ही उन्होंने किरण सरदार के कार्यालय में स्टेनगन से ताबड़तोड़ कई राउंड फायर कर दी थी. हालांकि बाद में पुलिस ने लोगों की मदद से बदमाशों को दबोच लिया था.
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19 जुलाई, 2021 (सोमवार) को स्पेशल टास्क फोर्स को पंजाब के क्राइम कंट्रोल यूनिट से सूचना मिली कि पंजाब के खूंखार गैंगस्टर काशीपुर में शरण लिए हुए हैं. जिसक बाद एसटीएफ कुमाऊं मंडल और पंजाब की क्राइम कंट्रोल यूनिट की खूंखार गैंगस्टरों से काशीपुर के गुलजारपुर गांव में मुठभेड़ हो गई थी. जिसमें तीन गैंगस्टर समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

उत्तर भारत (जिला बागपत निवासी) का सबसे बड़ा भू माफिया कुख्यात गैंगस्टर यशपाल तोमर गिरफ्तार. तोमर इस 153 करोड़ की संपत्ति सीज की. उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में कुख्यात 2 लाख का इनामी कौशल चौबे देहरादून से गिरफ्तार किया गया था. उत्तर प्रदेश राज्य का निवासी कुख्यात शाहरुख देहरादून से गिरफ्तार किया गया था, जिस पर 50 हजार रुपए का इनाम भी था. उत्तर प्रदेश सहारनपुर का शार्प शूटर कपिल देव देहरादून से गिरफ्तार हुआ था.

सत्येंद्र उर्फ मुखिया हरिद्वार से गिरफ्तार हुआ था. इस पर भी 25 हजार का इनाम था. उधमसिंह नगर का कुख्यात 50 हजार का इनामी माओवादी सरगना भास्कर पांडे गिरफ्तार हुआ था. शकील पहलवान मंगलौर से गिरफ्तार हुआ था. उत्तर प्रदेश उत्तराखंड नेपाल तक कुख्यात डकैत दिप्पा नानकमत्ता से गिरफ्तार हुआ था.

Last Updated : Jun 1, 2022, 7:30 AM IST

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