देहरादून:शांत वादियों के लिए जाना जाने वाला उत्तराखंड अपराधियों की पनाहगाह बनता जा रहा है. उत्तर भारत के कई बड़े अपराधी पुलिस से अपनी जान बचाने के लिए उत्तराखंड में डेरा डाल लेते हैं. पंजाब के मशहूर गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या मामले में भी कुछ संदिग्ध आरोपियों को पंजाब पुलिस ने उत्तराखंड से गिरफ्तार किया था.
अक्सर देखने में आया है कि यूपी समेत अन्य राज्यों के बड़े अपराधी उत्तराखंड में न सिर्फ छुपे हुए बैठे रहते हैं, बल्कि यहीं से अपना गैंग भी चलाते हैं. जम्मू-कश्मीर के भी कई युवा उत्तराखंड में पढ़ाई करते हुए आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं. उनका कनेक्शन किसी न किसी तरह से आतंकी संगठनों से निकला है, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
खालिस्तान आतंकियों ने ली शरण: साल 2014 में पंजाब की नाभा जेल से आतंकियों को फरार कराने वाला मुख्य आरोपी परमिंदर उर्फ पम्मा का ठिकान भी देहरादून था. उसने देहरादून के रायपुर थाना क्षेत्र में भवन किराए पर लेकर ले रखा था, जहां पर कई लोग रहे थे. पंजाब पुलिस की इनपुट पर देहरादून पुलिस ने उसे देहरादून से गिरफ्तार किया था.
इससे पहले 2012 में यूपी पुलिस से बचने के लिए कुख्यात अमित उर्फ भूरा ने उत्तराखंड में शरण ली थी. उत्तराखंड पुलिस को जैसे ही अमित के बारे में पता चला और उसके नेटवर्क को तोड़ने की प्रयास किया तो अमित ने पंजाब (पटियाला) में शरण ले ली. हालांकि यहां भी वो पुलिस से बच नहीं पाया और पुलिस गिरफ्तार कर लिया. उत्तर प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड के वांटेड अमित उर्फ भूरा पर 12 लाख का इनाम था.
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सुशील राठी, चीनू पंडित और सुनील मूंछ जैसे कई बड़े अपराधी हैं, जिन्होंने उत्तराखंड में डेरा डाला हुआ था, लेकिन आज वे सलाखों के पीछे हैं. ताजा मामला पंजाब सिंगर सिद्धू हत्याकांड से जुड़ा है. सिद्धू हत्याकांड के आरोपियों को भी उत्तराखंड एसटीएफ ने देहरादून से गिरफ्तार किया था. उत्तराखंड एसटीएफ को इन आरोपियों के बारे में पंजाब पुलिस ने इनपुट मिला था. उत्तराखंड एसटीएफ ने बताया कि सिद्धू हत्याकांड में जिन 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, वे सभी हेमकुंड साहिब यात्रा के बहाने उत्तराखंड में आए थे.
सभी पर नजर रखना मुश्किल: उत्तराखंड एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि बड़ी वारदातों को अंजाम देने के बाद अपराधी उस राज्य को छोड़कर पड़ोसी राज्यों में पनाह लेने आ जाते हैं. उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश है, यहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे है. ऐसे में सभी पर नजर रखना मुमकिन नहीं है. इसी का फायदा उठाकर यूपी और अन्य राज्यों को बड़े अपराधी उत्तराखंड में शरण लेने आ जाते हैं. हालांकि वो यहां ज्यादा दिनों तक छुप नहीं पाते हैं और इंटेलिजेंस से मिले इनपुट के आधार पर गिरफ्तार कर लिया जाता है.
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