देहरादूनःत्रिवेंद्र सरकार में जीरो टॉलरेंस का नारा देकर प्रदेश में ब्यूरोक्रेट्स पर बेहतर पकड़ बनाने का संकेत दिया तो राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली ग्रेडिंग में इसका असर दिखने लगा है. उत्तराखंड को सुशासन के मामले में पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में दूसरा स्थान मिला है.
इस मामले में जहां पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश को पहला स्थान हासिल किया है तो बाकी पहाड़ी और पूर्वोत्तर राज्य उत्तराखंड से पिछड़ते हुए दिखाई दिए. इसमें उत्तराखंड के बाद त्रिपुरा, मिजोरम, सिक्किम और आसाम जैसे राज्यों ने जगह हासिल की है. इस मामले पर सत्ताधारी दल भाजपा त्रिवेंद्र सरकार की नीतियों और जीरो टॉलरेंस पॉलिसी को इसकी वजह बता रही है.
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सुशासन के मामले पर त्रिवेंद्र सरकार की चौतरफा पीठ थपथपाई जा रही है, तो विपक्षी दल कांग्रेस इस मामले पर भी राजनीति करती दिख रही है. खास बात ये है कि विपक्ष ने प्रदेश में खराब होते स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के हालातों का जिक्र करते हुए गुड गवर्नेंस पर सवाल खड़े किए हैं.
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इस सूची को केंद्र सरकार ने अलग-अलग मानकों पर बांटा है. शानदार शासन व्यवस्था के मामले में तमिलनाडू देशभर में पहले नंबर पर है. जबकि महाराष्ट्र और कर्नाटक दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. इतना ही नहीं केंद्र सरकार की सूची में वाणिज्य एवं उद्योग के क्षेत्र में भी उत्तराखंड ने बड़ी छलांग लगाई है. वाणिज्य और उद्योग को लेकर सूची में उत्तराखंड को पहले स्थान पर रखा गया है.