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उत्तराखंड ATS में पहला महिला कमांडो दस्ता शामिल, जानें किस तरह हुई ट्रेनिंग

24 फरवरी 2021 का दिन उत्तराखंड के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. इस दिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य ATS के पहले महिला कमांडो दस्ते का शुभारंभ किया. महीनों की कड़ी ट्रेनिंग लेने के बाद महिला कमांडो राज्य और देश की सुरक्षा का मौका मिलने को लेकर बेहद उत्साहित हैं.

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महिला कमांडो तैयार

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Published : Feb 23, 2021, 2:10 PM IST

Updated : Feb 24, 2021, 12:54 PM IST

देहरादून:आतंकवादियों की हर गतिविधियों को नाकाम कर उन्हें नेस्तनाबूद करने की दिशा में उत्तराखंड एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉयड (ATS) विंग में पहली बार महिला कमांडो दस्ते को शामिल किया जा चुका है. पहले हरिद्वार फिर नरेंद्र नगर पीटीसी और अब देहरादून की पुलिस लाइन में इन महिला कमांडो दस्ते की बेसिक ट्रेनिंग की जोर-शोर से चल रही है.

महिला कमांडो दस्ता तैयार.

वहीं, एटीएस विंग में पहली बार शामिल होने वाली महिला कमांडो भी जोश और जज्बे से उत्साहित हर कठिन ऑपरेशन को सफल बनाने वाली चुनौतीपूर्ण ट्रेनिंग ले रही हैं. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की पहल पर एटीएस विंग में शामिल होने वाली महिला कमांडो दस्ते की ट्रेनिंग तकनीकी रूप से बेहद चुनौतीपूर्ण होने के बावजूद इसमें शामिल महिला फोर्स एटीएस विंग का हिस्सा बनने के चलते खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं.

हैं तैयार हम...

चुनौतीपूर्ण कमांडो ट्रेनिंग में आतंकियों से पार पाने की तकनीक

आधुनिक हथियारों से लैस होकर सुबह से शाम तक ट्रेनिंग के अलग-अलग सत्र में पसीना बहाती यह महिला कमांडो का दस्ता हर उस तकनीक को सीखने में उत्साह दिखा रहा है जिस से पार पाकर उनको आतंकवादियों के हर मंसूबों को समय रहते नेस्तनाबूद करना है. आंखों में काला कपड़ा पहनकर प्रशिक्षण देने वाली इन महिला कमांडो को बिना देखे पलक झपकते ही ऑपरेशन को सफल बनाने की वह हर तकनीक से रूबरू करा कर प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे वह आम से लेकर खास लोगों को मुसीबत के समय आतंकी गतिविधियों से निजात दिला सकें.

आतंकियों खबरदार !

महिला कमांडो दस्ते का पहला ट्रेनिंग का फेज मार्च माह के अंत तक पूरा हो जाने के बाद इन्हें सबसे पहले महाकुंभ मेले जैसे बड़े आयोजन में तैनात किया जाएगा. हालांकि महाकुंभ आयोजन के उपरांत इनकी एडवांस कमांडो ट्रेनिंग एक के बाद एक आगे बढ़ती चली जाएगी.

अत्याधुनिक हथियारों पर महारत.

आतंकवादियों से लोहा लेने वाली चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी में महिलाएं भी पुलिस कमांडो दस्ते से कम नहीं होंगी. इसी जोश और जुनून के साथ ट्रेनिंग लेने वाली महिला कमांडो का साफ तौर पर कहना है कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में इससे महत्वपूर्ण कदम उत्तराखंड पुलिस होश में नहीं हो सकता. उन्हें इस बात की बेहद खुशी है कि उनको एटीएस विंग में शामिल कर आतंकवादियों को नेस्तनाबूद करने के लिए बड़ी जिम्मेदारी दी गई.

हर ऑपरेशन के लिए तैयार.

महिला सशक्तिकरण की दिशा में महिला कमांडो का गठन बेहद सराहनीय- अंजना, कमांडो

महिला कमांडो ट्रेनिंग के दौरान ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए अंजना बेलवाल ने बताया कि उन्हें सबसे पहले इस बात का गर्व महसूस हो रहा है कि, महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा उत्तराखंड की एटीएस जैसी महत्वपूर्ण विंग में महिलाओं की बराबर की भागीदारी को चुना गया. अंजना के मुताबिक इस महत्वपूर्ण कदम से अन्य महिलाओं को भी इस बात की प्रेरणा मिलेगी कि वह भी देश की सबसे सशक्त फोर्स का हिस्सा बनकर राष्ट्र विरोधी ताकतों का जमकर मुकाबला कर सकती हैं.

हर फन में बनीं माहिर.

इतना ही नहीं अंजना के मुताबिक कमांडो ट्रेनिंग में इस बात के लिए भी उनको तैयार किया जा रहा है कि वह कठिन से कठिन समय में समय रहते कैसे अपने हथियारों और तकनीक का सही इस्तेमाल कर सिविलयन को आतंकी घटनाओं से बचा सकती हैं. कमांडो अंजना के अनुसार एक आम ड्यूटी से कमांडो फोर्स ज्वाइन करना वाकई चुनौतीपूर्ण है. लेकिन जिस तरह से ट्रेनिंग मिल रही है उससे हर चुनौती के लिए तैयार होने की प्रेरणा भी लगातार बढ़ रही.

DGP अशोक कुमार की प्रमुख भूमिका

उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण के तहत महिला कमांडो दस्ता बनाने में डीजीपी अशोक कुमार की बड़ी भूमिका है. 30 नवंबर 2020 को राज्य के 11वें डीजीपी का पदभार संभालने के बाद से पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार एक के बाद एक राज्य की पुलिस को देश की सर्वोच्च पुलिस की सूची में लाने के लिए एक के बाद एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते नज़र आये हैं. इसी क्रम में उन्होंने मुख्यमंत्री की सहमति के बाद राज्य की 'एंटी टेररिस्ट स्क्वॉयड' विंग में बड़ा बदलाव करते हुए पहली बार महिला कमांडो दस्ते को शामिल कर एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है.

डीजीपी अशोक कुमार के इस कदम की सराहना ATS विंग में शामिल महिला कमांडो ने भी की. कमांडो उनके इस निर्णय का स्वागत करते हुए धन्यवाद प्रकट करती नजर आ रही हैं. उनके अनुसार जिस तरह से राज्य की पुलिस फोर्स को स्मार्ट और आधुनिक बनाने के साथ महिला सशक्तिकरण की दिशा में आतंकियों से लोहा लेने के लिए फोर्स से महिला कमांडो का गठन किया गया है यह सभी महिलाओं के लिए प्रेरणादायक है.

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कैसे दुश्मन को नेस्तनाबूद करना है यही हैं महिला कमांडो का लक्ष्य- पार्वती

वहीं कमांडो पार्वती की मानें तो उन्हें भी एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉयड (एटीएस) जैसे देश के महत्वपूर्ण विंग का हिस्सा बनकर काफी गर्व महसूस हो रहा है. पार्वती के अनुसार जिस तरह की कमांडो ट्रेनिंग उन लोगों को मिल रही हैं, उससे वह बेहद मोटिवेट होकर हथियारों के सही इस्तेमाल और उन तमाम तकनीकों को सीखने में उत्साहित हो रही हैं जिससे वह न सिर्फ काउंटर अटैक बल्कि सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हम कम संसाधनों में कैसे देश विरोधी गतिविधियों को समय रहते नाकाम कर सकते हैं.

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आतंकी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहेंगी उत्तराखंड महिला कमांडो- सावित्री

वहीं उत्तराखंड ATS विंग में महिला कमांडो दस्ते की ट्रेनिंग ले रहीं सावित्री बिष्ट महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाए गए इस कदम की सराहना करते हुए खुद को महिला कमांडो के रूप में गौरवान्वित महसूस करने की बात की. सावित्री के मुताबिक हरिद्वार से शुरू हुई एटीएस की शुरुआती फिजिकल और मेंटल ट्रेनिंग के साथ-साथ नरेंद्र नगर देहरादून में जिस तरह से कमांडो ट्रेनिंग हो रही है उससे उनका तकनीकी मनोबल पहले के मुकाबले काफी ऊंचा हुआ है.

सावित्री का मानना है कि वह उस असहाय महिला समाज से हटकर अब खुद को एक ऐसे कमांडो के रूप में आगे देखना चाहती हैं जो राष्ट्र और जनता को मुसीबत के समय देश विरोधी गतिविधियों से निजात दिला सकें. इतना ही नहीं सावित्री का कहना है कि वह एक बेहतर कमांडो के रूप में जगह बनाकर उत्तराखंड महिला कमांडो दस्ता देश में किसी भी आपातकालीन स्थिति में अपनी सेवा देने के लिए तैयार रहेगा.

महिला कमांडो दस्ते की खासियत

उत्तराखंड एटीएस में पहली बार महिला कमांडो दस्ते को तैयार करने के लिए सिविल पुलिस, आर्म्ड पुलिस व पीएसी से 38 महिला पुलिस कर्मियों ने आवेदन किया.

शारीरिक और मानसिक दक्षता जैसे अन्य कमांडो वाले मानक में केवल 22 महिला पुलिस कर्मियों का ही इस में सलेक्शन हुआ.

इनमें दो सब इंस्पेक्टर रैंक की और 20 कांस्टेबल पद की कर्मियों का चयन हुआ.

ऐसे हुई कमांडो की ट्रेनिंग.

ऐसे हुई ट्रेनिंग

सबसे पहले हरिद्वार एटीएस में 8 जनवरी 2021 से 22 चयनित महिला कमांडो की ट्रेनिंग हुई

ट्रेनिंग 30 जनवरी 2021 तक फ्री कोर्स के रूप में चली

ट्रेनिंग में शारीरिक और मानसिक दक्षता से मजबूत बनाने के साथ ही युद्ध कौशल के शुरुआती गुण सिखाए गए.

इसके बाद 7 दिन का ब्रेक दिया गया था

महिला कमांडो दस्ते के हथियार.

नरेंद्र नगर पीटीसी ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण

8 फरवरी से 20 फरवरी तक नरेंद्र नगर पीटीसी ट्रेनिंग सेंटर में इन 22 महिला कमांडो को व्यापक रूप से कमांडो ट्रेनिंग

देशी-विदेशी कमांडो मॉड्यूल की तकनीक से रूबरू करा कर प्रशिक्षण दिया गया.

मिलिट्री के बड़े ऑपरेशन के साथ-साथ युद्ध कौशल के गुण भी कमांडो के विशेष मेंटर द्वारा दिये गये.

देहरादून में प्रशिक्षण

20 फरवरी 2021 से 24 फरवरी 2021 तक देहरादून पुलिस लाइन में ट्रेनिंग

सभी 22 महिला कमांडो को अत्याधुनिक हथियार एके-47 ड्राइवर और हाईटेक वेपन से ट्रेनिंग दी जा रही है.

किस तरह से पलक झपकते ही निशाने को सटीक बैठाना है इसकी कई तरह से ट्रेनिंग दी जा रही है.

आज सीएम के सामने डेमो

आज देहरादून पुलिस लाइन में मुख्यमंत्री को यह कमांडो दस्ता बेसिक ट्रेनिंग का डेमो देगा.

आज ही सभी महिला कमांडो वापस नरेंद्र नगर पीटीसी में एडवांस ट्रेनिंग के पहले चरण के तहत अन्य प्रशिक्षण के लिए लौटेंगी.

मार्च तक ट्रेनिंग

2 महीने की प्रस्तावित शुरुआती बेसिक ट्रेनिंग का अंतिम पड़ाव मार्च के अंतिम सप्ताह तक नरेंद्र नगर पीटीसी में चलेगा.

इसके बाद 1 अप्रैल 2021 से तैयार किए गए महिला कमांडो दस्ते को महाकुंभ में 1 महीने के लिए पहली तैनाती के लिए भेजा जाएगा.

कुंभ के बाद फिर ट्रेनिंग

30 अप्रैल को कुंभ समाप्त होने के उपरांत सभी 22 महिला कमांडो को आगे अलग-अलग चरणबद्ध तरीके से एडवांस कमांडो ट्रेनिंग दी जाएगी.

इस ट्रेनिंग में आईडी बम डिस्पोज करना, सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन, आतंकी घटना का मॉक ड्रिल जैसे तमाम कोर्स एडवांस में कराए जाएंगे.

Last Updated : Feb 24, 2021, 12:54 PM IST

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