देहरादून: दिसंबर के पहले सप्ताह में शुरू होने वाले उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर संशय बरकरार है. विधानसभा अध्यक्ष और राज्य सरकार के इस पर अलग-अलग मत हैं. एक तरफ सरकार चाहती है कि शीतकालीन सत्र देहरादून में हो, वहीं विधानसभा अध्यक्ष गैरसैंण में सत्र कराने का मन बना रहे हैं. ऐसे में शीतकालीन सत्र को लेकर विधानसभा अध्यक्ष और सरकार में ठन सकती है.
उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है. लेकिन ये सत्र कहां होगा, इसको लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है. शीतकालीन सत्र को लेकर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से कहा था कि साल में एक सत्र गैरसैंण में होना चाहिए. हालांकि ये सरकार का निर्णय होता है कि सत्र कहां पर करना है, कब करना है और कितने दिन का करना है.
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एक तरफ गैरसैंण में सत्र को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी तरफ से वहां व्यवस्था पूरी है जो पहले से कई ज्यादा अच्छी है. उन्हें नहीं लगता की वहां पर किसी को कोई मुश्किल आएगी. वहीं दूसरी ओर उन्होंने इशारों ही इशारों में कहा कि विपक्ष के कुछ विधायकों को गैरसैंण जाने के परेशानी हो सकती है. शायद इसी वजह से मुख्यमंत्री ने देहरादून में सत्र कराने का निर्णय लिया हो. हालांकि अभी तक सत्र को लेकर कोई अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन वो उम्मीद करते है कि यह सत्र गैरसैंण में ही होगा.
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गैरसैंण में सत्र कराने को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेद्र सिंह रावत ने हाल ही में कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष अगर आदेश कर दें तो वो गैरसैंण में सत्र करा देंगे. जब इस बारे में विधानसभा अध्यक्ष से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यदि उनके निर्देश की बात है तो वे गैरसैंण में सत्र कराने के लिए तैयार है. हम वहां उनका स्वागत करेंगे.