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देहरादून से लेकर बनबसा तक गरजे दिग्गज, राजनाथ बोले- किस मुंह से जनता के बीच जा रही कांग्रेस? पढ़ें चुनावी हलचल

जैसे-जैसे उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दिन नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे सभी राजनीतिक दलों के दिग्गज चुनावी धार देने यहां पहुंच रहे हैं. आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जनरल वीके सिंह, गोपाल राय, गौरव वल्लभ आदि नेता उत्तराखंड में गरजे तो पीएम मोदी ने भी वर्चुअली लोगों को संबोधित किया. इस दौरान सभी ने अपने भाषणों से जनता को रिझाने का भरसक प्रयास किया. आइए उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 से जुड़ी दिनभर की खबरों पर एक नजर डालते हैं...

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चुनावी हलचल

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Published : Feb 8, 2022, 7:56 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे तमाम पार्टियों के बड़े नेता उत्तराखंड में जनता के बीच पहुंच रहे हैं. राजधानी देहरादून से लेकर बनबसा तक आज बड़े नेताओं के कार्यक्रमों का दौर जारी रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उत्तराखंड की जनता को संबोधित किया तो कांग्रेस ने बीजेपी को जवाब देने के लिए राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक और गौरव वल्लभ जैसे प्रवक्ताओं की फौज जनता के बीच उतारी.

आज विधानसभा चुनावों में प्रचार का दौर शुरू हुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वर्चुअल रैली से. सत्ता में वापस आने के लिए बीजेपी हरसंभव प्रयास कर रही है, फिर देश के गृहमंत्री अमित शाह से घर-घर जाकर पर्चे बंटवाने का काम हो या फिर प्रधानमंत्री द्वारा पहाड़ी टोपी लगाकर उत्तराखंड के लोगों को संदेश देने की बात. आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड की कई विधानसभाओं को दिल्ली में बैठकर ही संबोधित किया. प्रधानमंत्री मोदी ने हल्द्वानी में वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए न केवल प्रत्याशियों के पक्ष में जनता को वोट डालने की अपील की, बल्कि कुमाऊ के लोगों को संबोधित करते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी की भी खूब तारीफ की.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस जिस तरह से चार धाम-चार काम का नारा दे रही है, ये करने का उसको कोई हक नहीं है क्योंकि उत्तराखंड में विकास की गंगा केवल केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार के सहयोग से बह रही है. पीएम मोदी ने कांग्रेस की नीयत और निष्ठा पर भी सवाल उठाते हुए हमला किया. उन्होंने रहा कि, उत्तर प्रदेश के समय से यहां कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी लेकिन उस समय भी केदारधाम, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री पर कांग्रेस ने कभी ध्यान नहीं दिया. और तो और उत्तराखंड में कैसे सड़कों का जाल बिछाया जाए, इस बात पर भी कांग्रेस ने कभी नहीं सोचा. लेकिन जैसे ही केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी और राज्य में भी बीजेपी आई वैसे ही उत्तराखंड को निखारने और संवारने का काम शुरू हुआ.

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि, राज्य के बीजेपी नेताओं को लगता है कि उनकी वर्चुअल रैली से अधिक लाभ उन्हें उत्तराखंड बुलाकर होगा, लिहाजा जाते-जाते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद 10 फरवरी को उत्तराखंड आने का वादा भी कर दिया. अब बताया जा रहा है कि पीएम हल्द्वानी, श्रीनगर और अल्मोड़ा जैसे क्षेत्रों में जल्द ही रैली के लिए आने वाले हैं.

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही प्रचार का जिम्मा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी संभाला. राजनाथ सिंह ने गंगोलीहाट-जागेश्वर में जनसभाओं को संबोधित कर बीजेपी प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे. राजनाथ सिंह ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस पर ही हमला किया. राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस आज ना जाने किस मुंह से जनता के बीच जा रही है. जबकि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने ही उत्तराखंड का निर्माण किया था और उसके बाद उसे स्पेशल स्टेटस के साथ-साथ पहाड़ी राज्य का विशेष दर्जा भी दिया था. साल 2014 में जब दोबारा बीजेपी केंद्र में आई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने उसके बाद उत्तराखंड को कई तरह की सौगातें दी गईं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों या रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, दोनों के भाषण एक जैसे ही थे. दोनों कांग्रेस के ऊपर हमला कर रहे थे और अपनी उपलब्धियों को गिनवा रहे थे, लेकिन इन सबके बीच खास बात ये रही कि दोनों दिग्गजों ने केवल केंद्र की योजनाओं का बखान किया. ये लगातार देखने में भी आ रहा है कि राज्य के बाहर से आने वाले नेता केवल केंद्र की उपलब्धियों के सहारे वोट मांग रहे हैं. अगर उनसे राज्य को लेकर पूछा भी जा रहा है तो उनके पास कुछ खास कहने को मिल नहीं रहा. यही हाल राज्य के नेताओं का भी है. ऐसे में कांग्रेस का हमलावर होना भी लाजमी ही है.

बीजेपी के इन दिग्गजों के साथ प्रचार अभियान में आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किच्छा तो पूर्व केंद्रीय मंत्री रिटायर्ड जनरल वीके सिंह ने पौड़ी में डोर टू डोर प्रचार में हिस्सा लिया. वहीं, कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने केंद्र सरकार पर अल्मोड़ा से अपने जुबानी तीर साधे. सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र सरकार चीन के मुद्दे पर जो रवैया अपना रही है और राष्ट्रवाद का जो ये खेल खेल रही है, उसे जनता को समझना होगा. आज भारत के भू-भाग और उसकी अखंडता को बीजेपी ने खतरे में डाल दिया है.

सुरजेवाला अल्मोड़ा में पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जब से बीजेपी केंद्र में आई है तब से देश का बीजेपी ने बंटाधार कर दिया है. महंगाई, बेरोजगारी और अपराध देश के तमाम राज्यों में पूरे चरम पर है. लेकिन फिर भी बीजेपी राष्ट्रवाद का ढोल बजा रही है. जबकि देश की तमाम एजेंसी जानती हैं कि आज पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान हमें आंखें दिखा रहा है.

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रणदीप सुरजेवाला के साथ ही देहरादून मसूरी से मोर्चा संभाला कांग्रेस के प्रवक्ता प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने. गौरव वल्लभ ने खनन को लेकर पुष्कर सिंह धामी पर कई तरह के हमले किए. गौरव ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में उत्तराखंड में जमकर अवैध खनन हो रहा है और इस अवैध खनन के लिए सरकार और सरकार के मुखिया पुष्कर सिंह धामी को नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि 10 मार्च को जब परिणाम आएगा तो बीजेपी विधायकों की संख्या डबल डिजिट में नहीं होगी.

बीजेपी हो या कांग्रेस...दोनों में एक बात तो कॉमन है कि उत्तराखंड में आकर कोई भी बड़ा नेता उत्तराखंड की बात ही नहीं कर रहा है. सभी केंद्र और अन्य देशों की बात कर चुनाव की वैतरणी में पार होना चाहते हैं. जहां प्रचार अभियान बीजेपी अपने तमाम बड़े नेताओं को प्रचार के लिए मैदान में उतार दिया है तो वहीं कांग्रेस अपने प्रवक्ताओं को जनता के बीच भेजकर ये बताने की कोशिश कर रही है कि आखिरकार बीजेपी ने इन 5 सालों में किया क्या है? इसमें कोई दो राय नहीं कि बीजेपी में जिस तरह से बड़े नाम और बड़े चेहरे इस वक्त उत्तराखंड में उतारे हैं. वैसा कोई चेहरा कांग्रेस के पास नहीं है. सिवाय प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के, ऐसे में प्रचार प्रसार में कांग्रेस बीजेपी से काफी पिछड़ी हुई दिखाई दे रही है.

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उधर, उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी भी कई सीटों पर अपनी जीत दर्ज करवाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जहां तीन दिनों से हरिद्वार में मौजूद हैं तो वहीं आज देहरादून और मसूरी में दिल्ली के कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने अपने प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे. गोपाल राय ने कहा के 21 सालों में उत्तराखंड में भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने जनता का शोषण किया है. लेकिन जनता अब आम आदमी पार्टी के रूप में विकल्प चाहती है और अगर उत्तराखंड की जनता यहां पर बदलाव करेगी तो दिल्ली की तरह ही उत्तराखंड में भी दिल्ली मॉडल को लागू किया जाएगा.

बहरहाल, आम आदमी पार्टी संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हों या पार्टी के अन्य नेता, सभी इस कोशिश में ही लगे हैं कि किसी तरह से अपनी मौजूदगी प्रदेश में एक बार दर्ज करवाई जा सके.

चलते-चलते हम आपको बता दें कि हल्द्वानी में बीजेपी को झटका लगा है. यहां पर पूर्व मंडल अध्यक्ष ललित आर्य ने अपने समर्थकों के साथ हरीश रावत की मौजूदगी में कांग्रेस का दामन थामा है. ललित आर्य के कांग्रेस में शामिल होने के बाद हल्द्वानी सीट के समीकरणों में बदलाव आ सकता है ऐसा हरीश रावत का मानना है. दरअसल, आर्य की दलित समाज में अच्छी खासी पकड़ है. वहीं, कल यानी 9 फरवरी को बीजेपी का घोषणा पत्र जारी होगा. इस मौके पर देहरादून में केंद्र के कई बड़े नेता देहरादून में मौजूद रहेंगे.

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