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उत्तराखंड की दो बड़ी शख्सियतों ने अप्रैल फूल डे को बताया खास, जानिए क्या कहा मूर्खता दिवस पर - लीलाधर जगूड़ी

लीलाधर जगूड़ी ने बताया कि इस दिन को अन्यथा न लेते हुए सभी को सकारात्मक सोच के साथ मूर्ख दिवस मनाना चाहिए. वहीं प्रदेश के जाने-माने हास्य कलाकार घनानंद गगोदिया ने कहा कि अप्रैल फूल डे या कहें कि मूर्खता दिवस एक ऐसा दिन है, जिस दिन लोगों को हंसाया और खुद भी हंसा जाता है.

मूर्खता दिवस

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Published : Apr 1, 2019, 9:12 PM IST

Updated : Apr 1, 2019, 11:08 PM IST

देहरादून:एक अप्रैल को दुनियाभर में अप्रैल फूल-डे के नाम से मनाया जाता है. इस दिन कई तरीकों से अपने परिचितों और दोस्तों को मूर्ख बनाने का प्रयास किया जाता है. आइये जानते हैं कि अप्रैल फूल डे को लेकर प्रदेश के जाने-माने लोगों की क्या है राय?

मूर्खता दिवस पर कलाकारों और साहित्यकारों से बातचीत

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अप्रैल फूल के दिन को लेकर देश के जाने-माने साहित्यकार और साहित्य अकादमी अवार्ड से नवाजे जा चुके लीलाधर जगूड़ी ने कहा कि यह दिवस कई मायनों में खास है. उन्होंने कहा कि हालांकि इस दिन हम अपने परिचितों को मूर्ख बनाने का प्रयास करते हैं. लेकिन यहां लोगों को यह समझने की जरूरत है कि हम अपनी मूर्खता को समझने के बाद ही बुद्धिमान या जागरूक हो सकते हैं. लीलाधर जगूड़ी ने बताया कि इस दिन को अन्यथा न लेते हुए सभी को सकारात्मक सोच के साथ मूर्ख दिवस मनाना चाहिए. वहीं प्रदेश के जाने-माने हास्य कलाकार घनानंद गगोदिया ने कहा कि अप्रैल फूल डे या कहें कि मूर्खता दिवस एक ऐसा दिन है, जिस दिन लोगों को हंसाया और खुद भी हंसा जाता है.

उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस दिन अगर हमें कोई मूर्ख बनाए तो हमें उसे माफ कर देना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने मूर्खता दिवस के मौके पर आम जनता से सोच समझकर मतदान करने की भी अपील की. उन्होंने कहा कि कहीं ऐसा न हो कि चुनाव के बाद जनता ये सोचे कि उनका अप्रैल फूल बन गया है. माना जाता है कि 1582 में फ्रांस से इस दिन को अप्रैल फूल बनाने की परंपरा शुरू हुई है.

Last Updated : Apr 1, 2019, 11:08 PM IST

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