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उत्तराखंड अपर स्वास्थ्य सचिव ने डिसइंफेक्शनल टनल के इस्तेमाल को बताया हानिकारक, जानिए क्यों

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए कई राज्यों में डिसइंफेक्शनल टनल का इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं उत्तराखंड स्वास्थ्य सचिव युगल किशोर पंत ने इस टनल का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया है. युगल किशोर पंत का कहना है कि इस टनल के इस्तेमाल से लोगों को लंग्स की बीमारी हो सकती है.

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उत्तराखंड अपर स्वास्थ्य सचिव

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Published : Apr 12, 2020, 9:08 PM IST

देहरादून:उत्तराखंड अपर स्वास्थ्य सचिव युगल किशोर पंत ने डिसइंफेक्शनल टनल के इस्तेमाल को मानव के लिए हानिकारक बताया है. उनके मुताबिक इस टनल के इस्तेमाल से लोगों को लंग्स की बीमारियां हो सकती है. अपर स्वास्थ्य सचिव युगल किशोर पंत ने कहा कि आज विभिन्न लैबों से 97 कोरोना संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. इसके अलावा प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों से कोरोना संदिग्ध मरीजों के 108 सैंपल लैब भेजे गए हैं.

वहीं कोरोना संक्रमित 2 मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. जिन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. अब प्रदेश में 35 कोरोना संक्रमित मरीजों में से सात लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका हैं. प्रदेश में 28 कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में किया जा रहा है.

उत्तराखंड अपर स्वास्थ्य सचिव

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वहीं युगल किशोर पंत ने कहा कि कई जगहों पर डिसइंफेक्शनल टनल बनाई जा रही है. जिसमें मानव पर सैनेटाइजर का छिड़काव किया जा रहा है. इसमें अल्कोहल, ब्लीच, लाइजोल हो सकता है. इस तरह के टनल में जाने से इंसान पर बूरा असर पड़ता है. क्योंकि, उनको फेफड़ों की बीमारियां हो सकती हैं. इसलिए इस तरह के टनल मानव पर इस्तेमाल नहीं किए जाने चाहिए.

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