देहरादूनःपुलिस लाइन देहरादून (Police line Dehradun) में तीन दिवसीय राज्य स्तरीय उपवा दीपावली वेलफेयर मेला चल रहा है. इसका आयोजन उत्तराखंड पुलिस वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (उपवा) की ओर से किया गया है. ताकि पुलिस परिवार की महिलाओं को आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनाने के साथ ही उनके द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को एक मंच प्रदान किया जा सके.
बता दें कि राज्य स्तरीय उपवा दीपावली वेलफेयर मेले का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की धर्मपत्नी गीता धामी (Geeta Dhami inaugurated UPWWA Fair) ने किया. इस मौके पर अलकनंदा अशोक कुमार समेत कई अधिकारियों की पत्नियां मौजूद रहीं और मेले में लगे स्टाल में उत्पादों को भी देखा. मेले में उत्तराखंड के प्रत्येक जिले के स्थानीय विशेषताओं से संबंधित उत्पाद के स्टॉल भी लगाए जाएंगे. इसके अलावा उपवा दीपावली मेले में उत्तराखंड की स्थानीय कंपनियां और स्वयं सहायता समूह ने भी अपने स्टाल लगाए हैं.
देहरादून में राज्य स्तरीय उपवा दीपावली वेलफेयर मेला . उपवा दीपावली वेलफेयर मेले में स्टॉल के माध्यम से पुलिस परिवार की महिलाओं की ओर से निर्मित उत्पाद को विक्रय करने के लिए मंच प्रदान किया जा रहा है. यहां हस्तशिल्प कला कृतियां, हस्तनिर्मित ऊनी कपड़े, तांबे के बर्तन, उत्तराखंडी व्यंजन, ऐपन से निर्मित सजावटी सामान, मोस्टा रिंगाल से बने सामान, शुद्ध अचार, पापड़, नमकीन और अन्य खाद्य सामग्री के स्टॉल लगाए गए हैं. साथ ही बच्चों के लिए झूले, ट्रैफिक पार्क, साइबर थाना मेले की शोभा बढ़ा रहे हैं.
ये भी पढ़ेंःSSP दिलीप सिंह कुंवर की पत्नी ने सुनीं पुलिसकर्मियों के परिवार की समस्याएं, निदान का दिया भरोसा
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की धर्मपत्नी गीता धामी ने बताया कि उत्तराखंड में दिवाली (Diwali in Uttarakhand) से पहले तरह-तरह के मेले लगाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में पुलिस विभाग की उपवा संस्था (Uttarakhand Police Wives Welfare Association) की ओर से दिवाली मेले का आयोजन किया गया है. मेले में अनेकों स्टॉल लगाए गए हैं, जो काफी सराहनीय है.
वहीं, उपवा अध्यक्ष अलकनंदा ने बताया कि यह मेला पुलिस विभाग की महिलाओं की ओर से जो उत्पाद बनाए गए हैं, उनको एक मंच देने के लिए लगाया गया है. करीब दो साल से सभी जिलों में पुलिस बटालियन और सभी यूनिट की महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिसका मुख्य उद्देश्य है कि सभी महिलाएं स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बन सकें. इसलिए उनके उत्पादों को मेले के जरिए विक्रय किया जा रहा है.