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सरकार ने नहीं सुनी तो कार्मिकों ने लगाई न्याय के देवता से गुहार, जानिए फिर क्या हुआ - गोल्ज्यू जी महाराज

उत्तराखंड कार्मिक एकता मंच द्वारा पिछले लंबे समय से कर्मचारियों की अलग-अलग समस्याओं को लेकर सरकार से संवाद किया जा रहा है. जिसके बाद कई तरह के मांग पत्र और ज्ञापन सरकार को दिए गए थे, लेकिन सरकार द्वारा कर्मचारियों की ना तो सुनी गई ना ही उनके द्वारा दिए गए ज्ञापन पर कोई संज्ञान लिया गया.

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उत्तराखंड कार्मिक एकता मंच ने मांगों को लेकर सरकार से की बात

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Published : Oct 17, 2020, 11:56 AM IST

Updated : Oct 17, 2020, 12:14 PM IST

देहरादून:कार्मिक एकता मंच ने इस बात की खुशी जताई है कि अल्मोड़ा में स्थित न्याय के देवता गोल्ज्यू की शरण में जाने के बाद उनकी तमाम मांगों को लेकर सरकार हरकत में आई है. वहीं कार्मिक एकता मंच की मुख्यमंत्री से भी मुलाकात हो चुकी है, जिसके बाद उन्हें उम्मीद नजर आ रही है कि कर्मचारियों के खेतों की रक्षा हो पाएगी. आईये जानें क्या है पूरा मामला...

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कार्मिक एकता मंच के अध्यक्ष रमेश चंद्र पांडे ने ईटीवी भारत के बताया कि सरकार को कर्मचारी के ज्ञापन के संबंध में पांच अलग-अलग रिमाइंडर भी भेजे गए. लेकिन उसके बावजूद भी सरकार द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया, जिसके बाद मजबूर होकर कार्मिक एकता मंच द्वारा 19 सितंबर 2018 को अल्मोड़ा में स्थित न्याय के देवता गोल्ज्यू के दर पर अपनी अरदास लगाई और इसके बाद न्याय के देवता ने अपना फैसला सुनाया.

बता दें कि अल्मोड़ा चेतई स्थित गोल्ज्यू मंदिर न्याय के देवता माने जाते हैं, जो कि शिव जी का अवतार हैं. यहां पर जब किसी को न्याय नहीं मिलता है तो अपनी शिकायत या प्रार्थना पत्र मंदिर में टांग देता है. मान्यता है कि गोल्ज्यू देवता सब को न्याय देते हैं.

Last Updated : Oct 17, 2020, 12:14 PM IST

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