देहरादून/हल्द्वानी:उत्तराखंड उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले प्रदेश के 22 हजार उपनल कर्मचारी दो दिवसीय हड़ताल पर चले गए हैं. उपनल कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए है कहा कि प्रदेश सरकार उपनल कर्मचारियों का उत्पीड़न करने का काम कर रही है. उपनल कर्मचारियों के पक्ष में हाई कोर्ट ने फैसला भी दे चुका है लेकिन सरकार कर्मचारियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर उनके हक को मारने का काम किया है.
देहरादून में उपनल कर्मियों ने एकता विहार स्थित धरना स्थल से आंदोलन शुरू कर दिया है. संयुक्त मोर्चा के बैनर तले प्रदेशभर के उपनल कर्मचारी आज अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर लामबंद हो गए हैं. उपनल कर्मचारियों का कहना है कि विगत 10 से 15 वर्षों से कार्य करने के बावजूद कर्मचारी का मासिक वेतन ₹10 से ₹12 हजार है. इस महंगाई के दौर में जीवन-यापन करना कठिन होता जा रहा है. कर्मचारियों ने सरकार से उपनल कर्मियों के हितों को देखते हुए नियमावली बनाने की मांग की है. कर्मचारियों ने सरकार से समान कार्य समान वेतन और नियमितीकरण की भी मांग उठाई है.
आंदोलनरत कर्मचारियों का कहना है कि लंबे समय से कार्य करने के उपरांत भी कर्मचारियों के मन में हमेशा नौकरी से हटाए जाने का भय रहता है. उपनल कर्मचारी संघ मोर्चा के पदाधिकारियों का कहना है कि साल 2018 में उच्च न्यायालय नैनीताल ने पूर्व सैनिक कल्याण निगम से कार्यरत 18,071 कर्मचारी को नियमित करने तथा समान कार्य, समान वेतन देने का आदेश दिया था. लेकिन राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिससे कर्मचारियों में तत्कालीन अधिकारियों के प्रति रोष व्याप्त है.