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यूपीसीएल को अब आयी मितव्ययता की याद, बिजली चोरी-लाइन लॉस रोकने पर प्रबंधन खामोश

यूपीसीएल (Uttarakhand UPCL) प्रदेश में बिजली की भारी कमी पर अब लोगों से मितव्ययता की अपील कर रहा है. ऊर्जा संकट (Uttarakhand power crisis) केवल उत्तराखंड के लिए ही समस्या नहीं है, लेकिन इसके बावजूद उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड प्रबंधन की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में दिखाई दे रही है. यूपीसीएल का जागरूकता कार्यक्रम (UPCL Awareness Program) को लेकर देरी से जागना और बिजली चोरी समेत लाइन लॉस को रोकने के लिए कुछ खास नहीं कर पाना वजह है.

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Published : May 1, 2022, 8:33 AM IST

Updated : May 1, 2022, 10:45 AM IST

देहरादून: यूपीसीएल (Uttarakhand UPCL) प्रदेश में बिजली की भारी कमी पर अब लोगों से मितव्ययता की अपील कर रहा है, स्थिति यह है कि हर दिन करोड़ों की बिजली खरीदकर भी प्रबंधन उद्योग और आम लोगों की जरूरतें पूरी नहीं कर पा रहा है. वैसे तो ऊर्जा संकट (Uttarakhand power crisis) केवल उत्तराखंड के लिए ही समस्या नहीं है लेकिन इसके बावजूद उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड प्रबंधन की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में दिखाई दे रही है.

वहीं यूपीसीएल का जागरूकता कार्यक्रम (UPCL Awareness Program) को लेकर देरी से जागना और बिजली चोरी समेत लाइन लॉस को रोकने के लिए कुछ खास नहीं कर पाना वजह है. उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड इन दिनों बाजार से बिजली खरीदने की जद्दोजहद में व्यस्त है, हर दिन करोड़ों रुपए की बिजली उत्तराखंड के इस निगम पर भारी पड़ रही है. करीब 13 से 15 मिलियन यूनिट बिजली की व्यवस्था ऊर्जा निगम को बाजार से बिजली खरीद पर करनी पड़ रही है.

जिसमें करोड़ों रुपए निगम को घाटे पर खर्च करने पड़ रहे हैं. ऐसा नहीं है कि बिजली संकट को लेकर आशंका पहले से नहीं रही हो, अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार गैस की कमी और कोयले को लेकर उपलब्धता ना होना परेशानी बनी हुई है. चौंकाने वाली बात यह है कि ऊर्जा प्रदेश में बाजार से करोड़ों की बिजली खरीदने का यह मामला केवल राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊर्जा को लेकर आपात हालातों में ही नहीं है, बल्कि सामान्य दिनों में भी उत्तराखंड बाजार से बिजली खरीदता रहा है. वैसे तो अब यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल यादव अचानक डिमांड बढ़ने को इसकी वजह मान रहे हैं, लेकिन ऐसे कई मौके आते रहे हैं जब बिजली की खरीद ऊर्जा निगम की तरफ से की जाती रही है.

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दरअसल, प्रदेश में बिजली चोरी और लाइन लॉस हमेशा एक बड़ी परेशानी रहा है और इसके लिए सरकार की तरफ से निगम को इस पर काम करने से जुड़े निर्देश दिए जाते रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद बिजली चोरी से लेकर लाइन लॉस की समस्या लगातार बनी हुई है. जानकार मानते हैं कि प्रबंधन की तरफ से ठोस कदम उठाए जाने की स्थिति में इसमें कुछ हालात बेहतर किए जा सकते थे. लेकिन अब प्रबंधन आपात हालातों में लोगों से बिजली की बचत को लेकर जागरूक होने की अपील कर रहा है. बिजली को लेकर मितव्ययिता बेहद जरूरी है, लेकिन इसको लेकर प्रबंधन को अभियान चलाने की याद भी काफी देरी से आई है.

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यदि बड़े स्तर पर इसको लेकर अभियान चलाया जाता तो शायद लोगों की जागरूकता से बिजली की मांग पर पहले ही कुछ कंट्रोल किया जा सकता था. एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में करीब 450 मिलियन यूनिट बिजली सालाना लाइन लॉस और बिजली चोरी रोकने पर प्रदेश को मिल सकती है, और इससे सालाना 1125 करोड़ का नुकसान होने से भी रोका जा सकता है.

Last Updated : May 1, 2022, 10:45 AM IST

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