देहरादून:स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर और उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य पर तीन दिवसीय जनजाति महोत्सव का आयोजन किया गया है. राजधानी देहरादून के ओएनजीसी आंबेडकर मैदान में यह महोत्सव चल रहा है. इसमें केंद्रीय जनजाति कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिरकत की.
इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से राज्य के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ और चमोली में जनजातीय छात्रों के लिए दो नए एकलव्य आवासीय विद्यालय खोले जाने, विभागीय विद्यालयों में पढ़ रहे जनजाति के 5 हजार छात्र-छात्राओं को टैबलेट उपलब्ध कराए जाने, राज्य में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के जीवन परिचय पर आधारित संग्रहालय की स्थापना करने का अनुरोध किया.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि दोनों का संबंध जनजाति संस्कृतियों से रहा है. जहां सूदूर पिथौरागढ़ में भोटिया संस्कृति से उनका लगाव रहा, वहीं कर्मभूमि खटीमा की थारू-बुक्सा जनजाति से भी गहरा रिश्ता रहा है. आज देश-दुनिया में ग्लोबल वॉर्मिंग और पर्यावरण संरक्षण को लेकर चिंतन मनन हो रहा है. लेकिन हमारी जनजातियां प्रारंभ से ही पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान देती रही हैं. हमारी जनजातीय समूहों का शुरुआत से ही जड़ी-बूटियों को लेकर ज्ञान, उनकी विशेष पहचान रही है. रामायण काल में जब भगवान श्रीराम अपने चौदह वर्ष का वनवास काट रहे थे, तब ये वनवासी ही थे जो आगे बढ़कर भगवान श्रीराम की सहायता करने आए थे.
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उन्हीं के सहयोग से भगवान राम ने महाबली रावण की विशाल सेना को परास्त कर लंका पर विजय प्राप्त की थी. महाभारत काल में भी जनजातियों के बारे में विशेष उल्लेख मिलता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में तीन एकलव्य मॉडल स्कूल, तीन आईटीआई, चार जनजाति हॉस्टल और सोलह आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है. जिससे दूरस्थ क्षेत्रों के अनुसूचित जनजाति के बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान की जा रही है. राज्य सरकार द्वारा जनजातीय क्षेत्रों के विकास हेतु अधिनियम बनाकर समस्त विभागों को अपने वार्षिक बजट का 3 प्रतिशत जनजातीय क्षेत्रों में व्यय करने का प्रावधान भी किया गया है.