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केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक को वातायन अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मान, 21 नवंबर को मिलेगा अवॉर्ड - Nishank will be honored with Vatayana Award

21 अक्टूबर को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को वातायन अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मान से सम्मानित किया जाएगा.

Ramesh Pokhriyal Nishank
21 नवंबर मिलेगा अवॉर्ड

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Published : Nov 18, 2020, 5:47 PM IST

Updated : Nov 18, 2020, 9:52 PM IST

देहरादून: हिंदी साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को वातायन अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मान से सम्मानित किया जाएगा. 21 नवंबर को लंदन में होने वाले वातायन-यूके सम्मान समारोह में यह अवॉर्ड प्रदान किया जाएगा. केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक वर्चुअली इस समारोह में शिरकत करेंगे. वातायन पुरस्कार ज्यादातर हाउस ऑफ लॉर्ड्स या नेहरू सेंटर लंदन में आयोजित होते रहते हैं. इस बार कोरोना संकट को देखते हुए इसका आयोजन वर्चुअल किया जाएगा.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक एक विख्यात लेखक और कवि भी हैं और अब तक उनकी अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. सक्रिय राजनीति में रहते हुए भी वो 75 से ज्यादा पुस्तकें लिख चुके हैं. जो पूरी दुनिया और भारत में 10 से ज्यादा भाषाओं में प्रकाशित हुई हैं. इन 75 किताबों में काव्य संग्रह एवं कथा संग्रह शामिल है और उनमें से बहुत सी रचनाओं का अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु, मराठी, जर्मन, फ्रेंच, आदि कई भाषाओं में अनुवाद हो चुका है.

उन्हें यह सम्मान वातायन के सालाना पुरस्कार समारोह में उनकी साहित्य के लिए की गई उत्कृष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाएगा. वर्ष 2003 में लेखक एवं कैंब्रिज विश्वविद्यालय के भाषा विज्ञान के रीडर डॉ. सत्येंद्र श्रीवास्तव ने 'वातायन: पोएट्री ऑन साउथ बैंक' नामक संस्था का गठन किया. साहित्य के क्षेत्र में कार्यरत यह संस्था उल्लेखनीय कार्य करने वाले लेखक को इस सम्मान से सम्मानित किया जाता है.

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वर्ष 2004 में संस्था ने वार्षिक वातायन कविता पुरस्कार से इसकी शुरूआत की. अब तक देश की कई हस्तियों को संस्था सम्मानित कर चुकी है. इसी कड़ी में संस्था ने उत्तराखंड से सांसद एवं केंद्रीय शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को वातायन अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मान (वातायन लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड) देने का निर्णय लिया है.

सम्मान के लिए चयनित होने पर केंद्रीय मंत्री निशंक ने कहा कि यह सम्मान उनका नहीं, बल्कि हिंदी भाषा, भारत और भारत के हर नागरिक का है. उन्होंने कहा कि साहित्य रचना एक गुण-धर्म है और साहित्य साधना के सामने तमाम बाधाएं खत्म हो जाती हैं. उन्होंने कहा कि साहित्य साधक समाज का सजग प्रहरी होता है. साहित्य के क्षेत्र में निस्वार्थ भाव से कार्य करने वाली संस्थाएं बधाई की पात्र हैं. इस वर्ष वातयन पुरस्कार के विजेताओं में केसरी नाथ त्रिपाठी, प्रसून जोशी, जावेद अख्तर, निदा फाजली, राजेश रेड्डी, लक्ष्मी शंकर बाजपेयी, डॉ. पुष्पाता अवस्थी, नरेश शांडिल्य शामिल हैं.

Last Updated : Nov 18, 2020, 9:52 PM IST

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