देहरादूनः उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून (Uniform Civil Code in Uttarakhand) के लिए जनता के सुझावों और विचारों को शामिल किया जा रहा है. इसे लेकर यूसीसी समिति ने आज राजभवन में वेबसाइट का शुभारंभ किया. इस दौरान समिति ने प्रदेश के करीब एक करोड़ लोगों को मैसेज भी भेजे, जिसके माध्यम से समिति ने जनता से उनकी राय मांगी है. समिति ने समान नागरिक संहिता के परीक्षण एवं क्रियान्वयन के लिए वेबसाइट को लॉन्च किया है. इसके साथ ही समिति ने जनता से बढ़-चढ़कर अपनी राय देने का अनुरोध (Public opinion on UCC) किया है.
सीएम धामी ने बैठक के बाद कहा कि, हम समान नागरिक संहिता के रूप में अमृत काल में एक बड़ी इबारत लिखने जा रहे हैं. नई सरकार गठन के बाद पहली कैबिनेट बैठक में समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट के लिए समिति के गठन को मंजूरी दी गई थी. उन्होंने समिति के अब तक के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि विशेषज्ञ समिति ने तेजी से काम किया है. वहीं, समिति की अध्यक्ष रंजना प्रकाश देसाई ने बताया कि समिति ने सुझाव के लिए वेबसाइट https://ucc.uk.gov.in का शुभारंभ किया है, जिस पर प्रदेश के जनप्रतिनिधि, नागरिक, प्रबुद्धजन, संगठन, संस्थाएं अपने सुझाव अगले 30 दिन यानि 7 अक्टूबर तक भेज सकते हैं.
7 अक्टूबर तक भेजें सुझाव: बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शपथ ग्रहण करने के साथ ही उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने की बात कही थी. इसके बाद सरकार की पहली कैबिनेट में यूसीसी को लागू करने के लिए समिति का गठन करने का निर्णय लिया गया. 27 मई 2022 को सरकार ने जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय समिति का गठन किया. यह समिति अभी तक चार बैठकें कर चुकी थी. आज देहरादून में समिति ने पांचवी बैठक की. इसके अलावा समिति ने यूसीसी के लिए दो सब कमेटी भी बनाई है. जिसके तहत एक दिल्ली और दूसरी देहरादून में काम कर रही है.
समान नागरिक संहिता के परीक्षण और क्रियान्वयन के लिए गठित विशेषज्ञ समिति की अध्यक्ष जस्टिस (सेनि) रंजना प्रकाश देसाई(UCC Chairperson Justice Ranjana Prakash Desai) ने कहा कि समिति सरकार को अपनी रिपोर्ट कब तक सौंपेगी इसकी अभी कोई समय सीमा नहीं है, क्योंकि प्रदेश की जनता से सुझाव मांगे गए हैं, जिसमें काफी वक्त लग सकता है. जनता से जो सुझाव प्राप्त होंगे, उन सूचनाओं का विश्लेषण किया जाएगा ताकि यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए बेहतर रिपोर्ट तैयार किया जा सके. उन्होंने कहा कि इसके लिए सब कमेटी भी बनाई गई हैं, जो जनता से प्राप्त सुझावों का अध्ययन करेगी. लिहाजा, जनता से प्राप्त जो अच्छे सुझाव होंगे, उसको शामिल किया जाएगा.
वहीं, यूसीसी के सदस्य एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह (UCC Member Shatrughan Singh) ने बताया कि उत्तराखंड सरकार की ओर से यह निर्देश दिए गए हैं कि प्रदेश में जो मौजूदा कानून है, उसका अध्ययन करें. इस बात पर ध्यान दें कि क्या मौजूदा कानून में कुछ संशोधन करने की जरूरत है या फिर मौजूदा कानून के आधार पर अलग-अलग कानून बनाया जा सकता है. इसके साथ ही यूसीसी को प्रदेश में लागू करने पर भी रिपोर्ट बनाने के निर्देश हैं. हालांकि, समिति के पास सभी खुले विकल्प हैं. यही वजह है कि समिति जनता की राय को ले रही है. ताकि जनता क्या चाहती है और जनता के क्या सुझाव हैं, इसको रिपोर्ट में शामिल किया जा सके.
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यूसीसी के सदस्य शत्रुघ्न सिंह ने कहा कि यह समिति उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए अध्ययन कर रही है. लिहाजा, उत्तराखंड के निवासियों से सुझाव और उनके विचार मांगे गए हैं. इतना ही नहीं, समिति ने उत्तराखंड की महिलाओं (Women of Uttarakhand) से भी अनुरोध किया कि वो भी अपना सुझाव विशेष रूप से रखें. ताकि जो हम समानता की बात करते हैं, उसको भी इसमें शामिल किया जा सके. क्योंकि, समिति के लिए महिलाओं की राय भी काफी महत्वपूर्ण है. ऐसे में महिलाओं को चाहिए कि वो बढ़-चढ़कर अपनी राय और सुझाव (Public opinion in Uttarakhand) को समिति के सामने रखें.