देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की हर गतिविधि पर प्रदेशभर के युवाओं की नजर है. वहीं सरकार द्वारा आयोग के बड़े पदाधिकारियों को बदलने के बाद अब नए अधिकारियों को लेकर क्या रणनीति है, ये जानने के लिए ईटीवी भारत ने यूकेएसएसएसी के नवनियुक्त सचिव सुरेंद्र सिंह रावत (UKSSSC Secretary Surendra Rawat) से खास बातचीत की है.
बाहरी व्यक्तियों के लिए आयोग परिसर प्रतिबंधित: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग वर्तमान में अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. ऐसे विपरीत समय में सचिव के रूप में सुरेंद्र सिंह रावत कैसे इन परिस्थितियों से आयोग को बाहर निकालेंगे और कैसे एक बार फिर आयोग की स्वच्छ छवि को बहाल करेंगे. इसका जवाब देते हुए नवनियुक्त सचिव सुरेंद्र सिंह रावत ने कहा कि निश्चित तौर से आयोग के लिए यह सबसे बुरा दौर है और इस दौर में सरकार ने उन पर भरोसा जताया है तो वह अपनी पूरी ईमानदारी के साथ आयोग में तमाम बिगड़ी हुई व्यवस्थाओं को वापस सही ढर्रे पर लाने का प्रयास करेंगे.
UKSSSC सचिव से खास बातचीत. पढ़ें- UKSSSC Paper Leak राजेश चौहान ने खोले कई राज, संदेह के घेरे में 6 ऑनलाइन परीक्षाएं यूकेएसएसएससी सचिव सुरेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने ज्वॉइनिंग के साथ ही आयोग में कई बदलाव शुरू कर दिए हैं. जैसे कि आयोग परिसर में सभी बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि आयोग एक प्रतिष्ठित संस्था है और यहां पर किसी का भी बिना काम चले आना अवांछनीय है और यही बाद में आयोग के लिए मुसीबत का सबब बनता है. उन्होंने कहा कि फिलहाल आयोग परिसर को बाहरी व्यक्तियों के लिए पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है.
अभ्यर्थियों से मिलेंगे सचिव: भले ही फिलहाल अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के परिसर को बाहरी लोगों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है, लेकिन अभ्यर्थियों की शंकाओं और उनके सवालों को लेकर आयोग पूरी तरह से गंभीर है. अभ्यर्थियों की पूछताछ के लिए सचिव सुरेंद्र रावत ने शुक्रवार शाम 4 से 5 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है. किसी भी अभ्यर्थी को अगर उनसे मिलना है तो वो इस समय आ सकता है. जितने भी लोग उस समय मौजूद होंगे वो सभी से मुलाकात करेंगे और उनकी शंकाओं का निस्तारण करेंगे.
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लंबे समय एक पोस्ट पर बैठे लोगों को बदला गया: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए रावत ने बताया कि हाल ही में हुए प्रकरण के चलते आयोग की छवि बेहद धूमिल हुई है. वापस छवि को साफ करने और लोगों का भरोसा जीतने के लिए आयोग को अपने भीतरी तंत्र को भी सुधारने की जरूरत है. उनके द्वारा आयोग के भीतर सभी लोगों की शफलिंग की गई है. खासतौर से पिछले लंबे समय से एक ही पोस्ट पर बैठे लोगों को बदला गया है. इस बात को पूरी तरह से सुनिश्चित किया जा रहा है कि तंत्र में एक ट्रांसपेरेंसी बनी रहे और चीजों को पूरी तरह से बदला जाए ताकि कहीं पर भी किसी भी तरह की लापरवाही की गुंजाइश न रह जाए.
RMC कंपनी होगी ब्लैक लिस्टेड: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में सचिव के पद पर नियुक्ति होने के बाद सचिव सुरेंद्र सिंह रावत द्वारा आयोग में चल रहे पूरे सिस्टम का बारीकी से मुआयना किया गया और पाया गया कि आयोग के साथ लंबे समय से परीक्षाओं को लेकर काम कर रही लखनऊ स्थित आउटसोर्सिंग एजेंसी RMC को लगातार तमाम खामियों के बावजूद भी काम दिया जा रहा है.
STF की पेपर लीक जांच में इस कंपनी के कई कर्मचारियों और अब मालिक को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. अब इस कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने के लिए नोटिस भेजा गया है और जल्दी इस कंपनी को ब्लैक लिस्टे कर दिया जाएगा(outsourced agencies will be blacklisted). इससे पूरी तरह से आयोग को निजात दिलाई जाएगी. इसके साथ ही उनके द्वारा एनआईसी को तकनीकी सहयोग के संबंध में मदद करने के लिए पत्राचार किया गया है. इसके लिए उत्तराखंड लोक सेवा आयोग से भी सुझाव लिया जा सकता है.
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उत्तराखंड के युवाओं के लिए आयोग का संदेश: प्रदेश के तमाम युवा बेरोजगारों और अभ्यर्थियों को लेकर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की तरफ से सचिव सुरेंद्र सिंह रावत ने अपील भी की है. उनका कहना है कि कोई भी छात्र या अभ्यर्थी आयोग में चल रही इन तमाम गतिविधियों को लेकर अपना मनोबल कम न होने दें, जल्द ही व्यवस्थाएं पटरी पर लौटेंगी.
यही नहीं, सचिव सुरेंद्र सिंह रावत ने तमाम युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि वो खुद बेरोजगारी के दौर से गुजरे हैं. उन्होंने देहरादून के डीएवी कॉलेज से ही अपनी उच्च शिक्षा ली है और उसके बाद उन्होंने भी इसी तरह से नौकरी के लिए जद्दोजहद की है. वो युवाओं को दर्द को अच्छी तरह से समझते हैं. उन्होंने सभी शिक्षित युवाओं से अपील की है कि वो धैर्य बनाए रखें. उन्होंने ये आश्वासन दिया है कि आयोग तमाम खामियों को दूर करके एक बार फिर से योग्य और मेहनती युवाओं के लिए रोजगार के तमाम अवसर लेकर आएगा.