देहरादून: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए 37 सैनिकों में दो वीर सपूत उत्तराखंड के भी थे. उत्तरकाशी के शहीद मोहन लाल और खटीमा के वीर विरेंद्र सिंह देश की रक्षा करते हुए शहादत को प्राप्त हो गए. शायद यही कारण है कि उत्तराखंड को देवभूमि के साथ-साथ वीरों की भूमि के नाम से भी जाना जाता है. अबतक उत्तराखंड के हजारों रणबांकुर दुश्मन से लड़ते हुए देश के लिए शहीद हुए हैं.
सैकड़ों लोगों की भीड़ नम आंखों से वीर सपूतों के घर के बाहर उन्हें आखिरी सलाम करने के लिए इकट्ठा हो रखी है. राज्य का जब-जब सैनिक शहीद होता है तो न केवल परिवार में दुख की लहर होती है बल्कि पूरा राज्य गम में डूब जाता है. हमेशा से ही आतंकी हमलों में शहीद होने वाले देशभर के सैनिकों में उत्तराखंड के जवानों का एक बड़ा हिस्सा शामिल रहा है. देश के ऊपर जब-जब दुश्मनों ने नजरें तिरछी की है तब-तब उत्तराखंड के सैनिकों ने दुश्मनों को करारा जवाब दिया है.