ऋषिकेशःकोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन का असर इंसानों के साथ बेजुबानों पर भी पड़ रहा है. ऐसा ही मामला ऋषिकेश से सामने आया है. जहां पर पहले लोग सड़कों के किनारे बंदरों को खाना देते थे. जिसके कारण उनका पेट भर जाता था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से लोगों की आवाजाही बंद हो गई है. ऐसे में अब बंदरों के सामने भी खाने का संकट गहराने लगा है. वहीं, अब दो युवाओं ने बंदरों का पेट भरने का बीड़ा उठाया है.
लॉकडाउन के चलते बेजुबान जानवर भी भूखे, दो युवाओं ने उठाया पेट भरने का बीड़ा - कोरोना लॉकडाउन
ऋषिकेश के दो युवा नवीन बडोनी और विवेक तिवारी ऋषिकेश-देहरादून हाईवे के किनारे विचरण करने वाले जंगली बंदरों को भी चना, दाना और केला खिला रहे हैं.
दरअसल, ऋषिकेश के दो युवा नवीन बडोनी और विवेक तिवारी बेजुबान जानवरों के लिए भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं. खासतौर पर जंगल में रहने वाले बंदरों के लिए खाना उपलब्ध करा रहे हैं. ये युवा नगर में आवारा पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था तो करते ही हैं, साथ ही ऋषिकेश-देहरादून हाईवे के किनारे विचरण करने वाले जंगली बंदरों को भी चना, दाना और केला खिला रहे हैं. वहीं, इन युवाओं की पहल बंदरों के लिए काफी कारगर साबित हो रही है.
युवाओं का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से लोगों की आवाजाही ठप हो गई है. यही कारण है कि सड़कों के किनारे रहने वाले बंदरों को खाना नहीं मिल पा रहा था. उन्होंने कहा कि इंसानों के लिए कई समाजसेवी संगठन खाने की व्यवस्था कर रहे हैं, लेकिन इन बंदरों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. इसी को देखते हुए ही उन्होंने बंदरों का पेट भरने का बीड़ा उठाया और उनके लिए दाना,चारा और केले की व्यवस्था कर रहे हैं.