ऋषिकेशःएम्समें हृदय संबंधी रोगों परदो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला की शुरुआत शनिवार को हुई. इस कार्यशाला में देश-विदेश के कई ह्रदय रोग विशेषज्ञ और योगाचार्य हिस्सा लेने पहुंचे हैं. कार्यशाला के पहले दिन हृदय रोग के इलाज में योगाके महत्व पर विशेषज्ञों ने जानकारी दी.
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के योग गुरु डॉ. एचआर नागेंद्र ने बताया कि भारत में सदियों से योग के माध्यम से जटिल से जटिल बीमारियों का इलाज हो रहा है. पूरा विश्व इस बात को मान रहा है कि योग में एक अलौकिक शक्ति है. जिससे किसी भी असाध्य रोग का इलाज किया जा सकता है. योग गुरु नागेंद्र ने बताया कि मेडिकल साइंस भी अब योग के सहारे हृदय और अन्य बीमारियों का इलाज कर रहा है.
ऋषिकेश एम्स में हृदय रोग सेमिनार की जानकारी देते विशेषज्ञ और योगाचार्य.
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. रुचिका ने बताया कि भारत में हृदय रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसे लेकर रिसर्च की जा रही है. अब चिकित्सकीय प्रणाली में बदलाव की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि तनाव आज की बड़ी समस्या बन रहा है. तनाव और हृदय रोग छोटी उम्र से बच्चों को हो रहे हैं. इसके लिए योग हृदय रोग में कारगर साबित हो सकता है.
वहीं, परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद मुनि का कहना है कि योग में भारत विश्व गुरु है. लगातार बढ़ रहे बीमारियां को लेकर आज पूरा विश्व योग पर रिसर्च कर रहा है. ऐसे में मेडिकल साइंस और योग को जोड़कर इन जटिल बीमारियों को दूर करने का यह बेहतर विकल्प है. उन्होंने कहा कि भारत में ऋषि-मुनि सदियों से योग के माध्यम से अपनी काया को निरोग बनाते थे. आज उसी पद्धति पर मेडिकल साइंस भी चलने को तैयार है.